- सीबीआई ने मुख्यालय, नीति आयोग और मुख्य सचिव को लिखा पत्र

- सचल पालना गृह घोटाले में ये एनजीओ नहीं दे रहे दस्तावेज

- राजधानी के भाजपा विधायक के तीन एनजीओ भी शामिल

LUCKNOW : सरकारी योजनाओं के जरिए गरीबों को दी जाने वाली ग्रांट को कुछ एनजीओ किस तरह हड़प लेते हैं, उसका खुलासा सूबे में सपा सरकार के कार्यकाल में हुए सचल पालना गृह घोटाले की सीबीआई जांच में होने लगा है। यही वजह है कि सीबीआई ने घोटाले की जांच के लिए दस्तावेज मुहैया न कराने वाले 250 एनजीओ के खिलाफ नीति आयोग, सीबीआई के डायरेक्टर और सूबे के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि इन्हें भविष्य में किसी तरह की ग्रांट मुहैया न कराई जाए। इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए ताकि वह आगे सरकारी पैसा हड़प न सकें। खास बात यह है कि इसमें राजधानी के एक भाजपा विधायक के तीन एनजीओ भी शामिल हैं।

दान में भी फर्जीवाड़ा

दरअसल सचल पालना गृह घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई को एनजीओ द्वारा किए जा रहे तमाम फर्जीवाड़े का पता भी चल रहा है। वहीं छह महीने से एनजीओ योजना से जुड़े दस्तावेज देने में आनाकानी कर रहे हैं। तमाम लोग तो खुद को बीमार बताकर जांच एजेंसी के सामने जाने से भी कतरा रहे हैं। सीबीआई इस मामले की जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर कर रही है लिहाजा जल्द ही इसे अंजाम तक भी पहुंचाना है। सीबीआई जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से तमाम एनजीाओ अभी तक कुछ अन्य योजनाओं के नाम पर सरकार से लगातार ग्रांट ले रहे हैं जिसके बाद उनकी ग्रांट रोकने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है। साथ ही वे दान के नाम पर मिलने वाली रकम को भी हड़प रहे हैं। दरअसल कुछ एनजीओ के दस्तावेजों की पड़ताल में पता चला कि तमाम लोगों ने इनको इनकम टैक्स बचाने के लिए लाखों रुपये दान के रूप में दिए हैं जिससे उनका आधा टैक्स बच गया। सीबीआई के अफसर इस बात से हैरान हैं कि जब सरकार को दान की गयी रकम से पूरा टैक्स बचाया जा सकता है तो आखिर उन्होंने इन एनजीओ को क्यों चुना। इसकी तह तक जाने से पता लगा कि दान की गयी रकम को बाद में वह आधा-आधा बांट लेते हैं।

भाजपा विधायक को देंगे नोटिस

सीबीआई जल्द ही इस प्रकरण में भाजपा विधायक को नोटिस देकर पूछताछ करने की तैयारी में है। मजे की बात यह है कि पहले इस पूरे प्रकरण में विधायक का कहीं नाम नहीं था। सीबीआई ने जब उनके तीन एनजीओ के पदाधिकारियों को नोटिस भेजा तो वे तो हाजिर नहीं हुए बल्कि भाजपा विधायक ने खुद ही सीबीआई को पत्र लिखकर अवगत कराया कि इनके स्थान पर दूसरे कर्मचारी आकर दस्तावेज देंगे। इसके बाद विधायक भी सीधे तौर पर जांच के दायरे में आ गये।

फैक्ट फाइल

- 1100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ 2013-14 में

- 02 सरकारी विभागों समेत कई एनजीओ जांच के दायरे में

- 29 मई 2017 को हाईकोर्ट ने दिए थे सीबीआई जांच के आदेश

- 23 जून 2017 को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच में केस दर्ज

- 72 जिलों में सचल पालना गृह घोटाले की हो रही जांच

- 150 डीपीओ और सीपीओ को तलब कर हो चुकी है पूछताछ