- जियो सिम एक्टिवेट करने के लिए नए मोबाइल से गायब कर दे रहे बार कोड

- मार्केट में पांच से 1500 रुपए में जमकर हो रही सिम की कालाबाजारी

GORAKHPUR: इन दिनों हर तरफ 'जियो-जियो' का शोर है। सिम लेने के लिए लाइन लगी हुई है। जो सिम पा चुके हैं वो एक्टिवेट कराने के लिए बेकरार हैं। लोगों की इसी बेकरारी का फायदा जियो वाले जमकर उठा रहे हैं। सिर्फ जियो के लोग ही नहीं, बल्कि मोबाइल दुकानदार भी इसमें पीछे नहीं हैं। हालत यह है कि सिम एक्टिवेट करने के लिए जरूरी बार-कोड को लेकर भी खूब खेल चल रहा है। आइए जानते हैं क्या और कैसे हो रहा है खेल

ऐसे हो रहा है खेल

-जियो सिम को एक्टिवेट करने के लिए जरूरी है कि किसी फोर-जी सेट पर 'माई जियो' अप्लीकेशन डाउनलोड किया जाए।

-फिर बार कोड जनरेट कराने के बाद उसकी मदद से सिम एक्टिवेट करना होता है।

-एक मोबाइल के बार कोड से एक ही सिम एक्टिवेट हो सकता है।

-सिम बेचने वाले और मोबाइल दुकानदारों की मिलीभगत से पैक्ड मोबाइल का बार कोड तक चोरी कर लिया जा रहा है।

-पैकेट खोलकर दुकानदार मोबाइल का बार कोड जनरेट कराकर किसी और का सिम एक्टिवेट करा रहे हैं और फिर मोबाइल पैक कर बेच दे रहे हैं।

-यही मोबाइल बाद में यदि कोई खरीद रहा है तो उस मोबाइल पर जियो सिम एक्टिवेट नहीं हो पा रहा है और कस्टमर ठगा जा रहा है।

तुक्का लगाकर बना रहे काम

बार कोड की तुक्केबाजी भी खूब चल रही है। जियो के जिन एजेंट्स को सिम बांटने व एक्टीवेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे यह खेल खूब कर रहे हैं। असल में जियो बारकोड की आखिरी पांच डिजिट्स में ही अंतर होता है। एजेंट्स को इतना अनुभव हो गया है कि किस सिरीज का बारकोड चल रहा है। वह आखिरी के पांच नंबरों में हेरफेर करके सिम एक्टिवेट करा ले रहे हैं। इससे पूरा दिन या कई घंटों की लाइन लगकर जब पब्लिक सिम लेने पहुंच रही है तो पता चल रहा कि बारकोड पहले ही यूज किया जा चुका है।

दुकान बंदकर फरार

स्थिति यह है कि सिटी में कहीं भीड़ की वजह से जियो सें‌र्ट्स बंद कर फरार हो जा रहे हैं तो कहीं भीड़ की वजह से बैरिकेडिंग तक कर दी गई है। हालत यह है कि लोग दिन-रात लाइन में लगकर दुकानों के सामने अड्डा जमाए पड़े हैं।

बॉक्स-1

बलदेव प्लाजा बना ब्लैक का अड्डा

एक ओर सिटी के पांच जियो सेंटर्स पर सिम पाने के लिए लोग मारामारी कर रहे हैं। वहीं सिटी के गोलघर स्थित बलदेव प्लाजा इन दिनों जियो सिम के ब्लैक मार्केट का सबसे फेमस अड्डा बना हुआ है। यहां के मोबाइल शॉप्स पर खुलेआम जियो सिम ब्लैक में बेची जा रही है। हैरानी वाली बात तो यह है कि ब्लैक में सिम बेचने के बाद दुकानदारों के एक कॉल पर सिम एक्टीवेट करने के लिए कंपनी के एजेंट्स भी पांच से दस मिनट में पहुंच जा रहे हैं। महज चंद घंटों में बिना बारकोड और डॉक्यूमेंट्स के एक्टीवेटेड सिम आसानी से मिल जा रही है।

बॉक्स-2

पैसा है तो कुछ नहीं चाहिए

यूं तो जियो सिम बिना बारकोड, आधारकार्ड नंबर और थंब इंप्रेशन के एक्टीवेट नहीं हो रहा लेकिन सिम की कालाबाजारी करने वाले एजेंट्स की मिलीभगत से सीधे एक्टिवेटेड सिम मार्केट में बेचे जा रहे हैं। यानी यदि आप दुकानदार की डिमांड के अनुसार उसे रुपए देते हैं तो फिर सिम एक्टिवेट कराने के लिए आपको कुछ भी देने की जरूरत नहीं। दावा किया जा रहा है कि ब्लैक में सिम बेच रहे दुकानदारों की कंपनी एजेंट्स से पूरी सेटिंग है। ऐसे दुकानदारों का कहना है कि जितने में सिम बेची जा रही है, उसकी आधी रकम तो एजेंट्स सिम एक्टीवेट करने के लिए ही ले ले रहे हैं।

----------

पब्लिक कॉलिंग

मैंने आज ही नया 4जी फोन खरीदा मोबाइल फोन खरीदा। माई जियो अप्लीकेशन डाउनलोड कर बारकोड भी निकाल लिया, लेकिन जब सिम लेने गया तो पता चला कि मेरा बार कोड पहले ही यूज किया जा चुका है। इस वजह से मुझे सिम नहीं मिली।

- शारिक, कस्टमर

--------

दुकानदार से लेकर कंपनी के लोग तक बारकोड की चोरी कर रहे हैं। क्योंकि मेरा एक नहीं तीन बार कोड एक साथ इनवैलिड बता रहा है। मुझे तो लगता है कि सिम देते समय ही बारकोड में कुछ कर रहे हैं, जिससे बारकोड गलत बता रहा है।

-शब्बू, कस्टमर

-----------------

इस मामले में आई नेक्स्ट ने जियो के एक सीनियर अधिकारी से बात की। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बतायाकि कंपनी के सर्वर में कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम चल रही है। इस वजह से ही बारकोड इनवैलिड बता रहा है। इसे ठीक कराने का काम चल रहा है। जल्द ही यह समस्या खत्म हो जाएगी।