- रात करीब सवा नौ बजे आया अंधड़, धूल से विजिबिलिटी 10 मीटर तक हुई रिकॉर्ड

BAREILLY:

एक बार फिर बरेली में आंधी का आतंक दिखा। करीब 50 किमी। प्रति घंटे के वेग से चली आंधी का रुख देख बरेलियंस सहम गए। आंधी ने शहर में जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त कर दिया। सैकड़ों की तादाद में पेड़ धराशायी हुए। होर्डिग्स उड़कर दूर जा गिरी। रोड के किनारे लगे कई पोल आंधी ने टेढ़े कर दिए। जिससे यातायात और विद्युत आपूर्ति प्रभावित रही। आधे घंटे तक शहर पर आंधी का 'खौफ' हावी रहा। सड़कों पर वाहन चालक दुर्घटना की संभावनाओं को देखते हुए किनारे पर खड़े हो गए। आंधी के साथ 15 एमएम बारिश हुई। जिससे बढ़त दर्ज करा रहे पारा ने कई दिनों की तपिश से राहत पहुंचाई है।

सड़कों पर अफरा तफरी

वेस्टर्न डिस्टर्बेस के चलते पिछले दिनों तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना वेदर एक्सपर्ट जता रहे थे। फ्राइडे दिन भर धूप ने लोगों को झुलसाया। उमस हावी रही। लेकिन देर रात करीब सवा नौ बजे मौसम के मिजाज में बदलाव दिखना शुरू हो गया। करीब 20 मिनट बाद अचानक बने लो प्रेशर जोन से आंधी के साथ शहर में बादलों का प्रवेश शुरू हो गया। धूल भरी आंधियों ने विजिबिलिटी 10 से 20 मीटर तक कर दी। जिससे यातायात ठप सा हो गया। बाइक पर चल रहे युवाओं ने धूल से खुद को बचाते दिखे। राह में पैदल चल रहे राहगीरों में अफरा तफरी मच गई। राहगीर आंधी से खुद को बचाने के साथ ही अन्य राहगीरों को सुरक्षित जगह बताते रहे।

सोशल मीडिया पर 'आंधी'

एक ओर आंधी के प्रकोप से लोग खुद को बचाते रहे तो दूसरी ओर सुरक्षित जगह पर पहुंचे लोग सोशल मीडिया पर अपडेट होने लगे। आसमान पर मंडराते बादल, आंधियों से गिरे पेड़, पोल और होर्डिग्स की फोटो क्लिक कर अपलोड करनी शुरू कर दी। जिससे बरेलियंस के वायरल हो रही पोस्ट से सोशल मीडिया पर भी आंधी आती दिखी। वहीं, आंधी को देखकर लोगों ने घर से बाहर निकले अपने रिलेटिव, फ्रेंड्स को कॉल कर उनकी लोकेशन ट्रेस की और उन्हें आंधी में सुरक्षित जगह पहुंचने की सलाह दी। वहीं, 60 किमी। प्रति घंटे के वेग से चल रही आंधी में कई सेल्फी लवर्स घर की छत पर पहुंचकर आंधी के साथ अपनी सेल्फी भी क्लिक की।

यूं रहा आंधी का प्रकोप

मिली सूचना के मुताबिक आंधी से चौपुला चौराहा पर बिजली का पोल गिरा। गांधी नगर में आदर्श स्वीट हाउस के सामने पुराना बरगद का पेड़ गिरा। मढ़ीनाथ पर दुकान की टीन की चादर सड़क पर गिरी। जिससे राहगीर बाल बाल बचे। कैंटोनमेंट में करीब 8 पेड़ धराशायी हुए। इसके अलावा शहर के अन्य एरिया में भी करीब 50 से अधिक पेड़ गिरने की जानकारी मिली। वहीं, ग्रामीण एरिया में सैकड़ों पेड़ समेत गरीबों की झोपडि़यां और टीन के आंधी में उड़ गए। समूचा जिला आंधी के कहर का सामना करता रहा। हालांकि, खबर लिखे जाने तक किसी के जान माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली।

सायक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से तेज हवाओं का प्रकोप हावी हुआ। लो प्रेशर जोन बनते ही बादलों ने बारिश की। आगामी दिनों में भी राहत मिलने की संभावना है।

डॉ। जेपी गुप्ता, डायरेक्टर, आंचलिक मौसम अनुसंधान केंद्र