गऊघाट में रहते थे

कृष्ण कुमार गुप्ता उर्फ गोलू हण्डिया पुलिस स्टेशन का रहने वाला है. शहर के गऊघाट में रहता है. उसकी पत्नी अंतिमा भी साथ थी. इनके एक छह माह की बेटी भी है. घर में पैरेंट्स नहीं हैं. उनका देहांत हो चुका है. दोनों बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. कृष्ण का बड़ा भाई जीतेन्द्र गुप्ता भी अपनी वाइफ और बच्चों के साथ इसी घर में रहता है.

दो साल पहले हुई थी शादी

जीतेन्द्र ने मीडिया को बताया कि उसके भाई कृष्ण कुमार ने खुद ही अंतिमा को पंसद किया था. अंतिमा भदोही डिस्ट्रिक्ट की रहने वाली थी. जीजा ने ही उसकी शादी लगाई थी. शादी गांव से ही धूमधाम से हुई थी. शादी के बाद कृष्ण अपनी वाइफ के साथ गऊघाट में रहने लगा. सब कुछ नार्मल चल रहा था. कृष्ण सब्जी का बिजनेस करता था.

छह माह की बेटी

घर में खुशियां उस समय बढ़ गई जब कृष्ण पिता बन गया. उसके घर में लक्ष्मी आई. छह माह की बिटिया हो चुकी है. घर वाले उसे प्यार से बिट्टू बुलाते हैं. कृष्ण के भाई जीतेन्द्र की माने तो हसबैंड वाइफ में अक्सर किसी ने किसी बात को लेकर नोकझोंक होती थी. लेकिन यह नार्मल था. संडे को वह अपने काम से निकला था. उसे नहीं पता क्या हुआ. दोपहर में सूचना मिली कि कृष्ण और अंतिमा ने पुल से छलांग लगा दी.

पुल से लगा दी छलांग

संडे की सुबह करीब 11 बजे कृष्ण अपनी वाइफ और बेटी को लेकर नैनी नए यमुना पुल पर पहुंचा. शायद दोनों घर से ही प्लानिंग बनाकर निकले थे. उन्होंने अपनी बिटिया को पुल पर वहीं नीचे बैठा दिया. पुल नंबर 18 से दोनों ने एक साथ नदी में छलांग लगा दी. एक साथ दोनों को कूदते हुए कई लोगों ने देखा. पुल पर सिक्योरिटी में लगे गार्डों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी.

मल्लाहों ने कृष्ण को बचाया

यमुना नदी में मौजूद मल्लाहों ने भी देख लिया था कि दो लोग पुल से कूदे हैं. उन्हें बचाने के लिए मल्लाहों ने नदी में छलांग लगा दी. कुछ देर बाद ही उन्हें सफलता हाथ लग गई. उन्होंने कृष्ण को बचा लिया. कृष्ण की सांसें चल रही थीं. इस दौरान वहां पुलिस पहुंच चुकी थी. पुलिस ने कृष्ण को सीरियस कंडीशन में शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भेजा. इस दौरान पुल पर मिली बच्ची और उसके सामान से पुलिस ने उसके घर वालों को सूचना दी. पुलिस ने बताया कि बच्ची को उसकी कोई रिलेटिव ले गई.

हॉस्पिटल पहुंचा भाई

घटना की जानकारी मिलने के बाद कृष्ण का भाई जीतेन्द्र हॉस्पिटल पहुंचा. उसके होश उड़ गए थे. वह बहुत परेशान था. कभी अपने भाई को आईसीयू वार्ड में जाकर देखता तो कभी यमुना पुल पर अपने दोस्तों से फोन से पता करने में लगा रहता कि अंतिमा की बॉडी मिली की नहीं. देरशाम पता चला कि अंतिमा की बॉडी मिल गई है. जीतेन्द्र ने मीडिया को बताया कि दोनों भाई एक ही घर में रहते थे लेकिन अलग अलग थे. दोनों का बिजनेस अलग था. किचन भी अलग था. आए दिन दोनों में लड़ाई झगड़ा होता था. किस बात से नाराज होकर उन्होंने ऐसा किया, यह बताना उसके लिए संभव नहीं है.