-हाईकोर्ट की रोक का हवाला देकर निवर्तमान प्रमुख ने उड़ाए रखी नींद

- प्रस्तुत नहीं कर सके आदेश, देर रात तक प्रशासन लेता रहा विधिक राय

>BAREILLY :

मझगवां के बाद आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक की कुर्सी भी सपा से छीनने में संडे को भाजपाई सफल हो गए। हालांकि निवर्तमान प्रमुख ने हाईकोर्ट की रोक का हवाला देकर प्रशासन संग विरोधियों की नींद उड़ा दी, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश दिखाने में सफल नहीं होने पर प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव पर निर्धारित समय पर सुनवाई करा दी। जिसमें प्रमुख को करारी शिकस्त मिली। पीठासीन अधिकारी ने भाजपा के वेद प्रकाश को प्रमुख निर्वाचित घोषित करके कार्यालय के बोर्ड पर सूचना चस्पा कर दी।

इलाहाबाद सरकारी वकील से भी की वार्ता

निवर्तमान प्रमुख आदेश यादव ने अविश्वास प्रस्ताव पर डीएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। फ्राइडे को हाईकोर्ट से रोक लगाने का आदेश जारी होने का दावा किया। सैटरडे को अपने अधिवक्ता के माध्यम से इस संबंध में डीएम को पत्र भी सौंपा और सुनवाई व मतदान प्रक्रिया के बाद निर्वाचन का परिणाम जारी नहीं करने की मांग की। ऐसे में प्रशासन में खलबली मच गई। आला अफसरों रातभर दौड़ लगाते रहे। अफसरों ने इलाहाबाद सरकारी वकील से भी वार्ता की, लेकिन हाईकोर्ट से ऐसा कोई आदेश जारी हुआ है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। फिर विधिक राय के लिए जिले के सरकारी वकील सिविल के समक्ष पत्रावली प्रस्तुत की। देर रात तक डीपीआरओ इस प्रक्रिया में उलझे रहे। सरकारी वकील ने फिलहाल हाईकोर्ट का आदेश सामने नहीं होने पर आदेश यादव के सरकारी वकील की दलील खारिज करने की सलाह दी। इसके बाद संडे सुबह अविश्वास प्रक्रिया पर सुनवाई व मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई।

सिचाई मंत्री के प्रतिनिधि की भूमिका अहम

दरअसल सूबे के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के प्रतिनिधि सुरेश पांडेय की अगुवाई में 61 बीडीसी सदस्यों ने शपथपत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव डीएम को सौंपा था, जिस पर निर्वतमान प्रमुख आदेश यादव ने आपत्ति जताई। एसडीएम आंवला ने जांच के बाद डीएम को रिपोर्ट सौंपी। डीएम ने 85 बीडीसी सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव लाने की पुष्टि की। छह जनवरी को सुनवाई व मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के आदेश जारी किए।

सपाइयों ने भी किया किनारा

सपा के पूर्व कद्दावार नेता व ताऊ वीरपाल सिंह से दूरी आदेश यादव को भारी पड़ गई। सपाइयों ने मुश्किल घड़ी में उनका साथ छोड़ दिया। ऐसे में आदेश यादव अकेले चुनौती का समाना नहीं कर सके। नतीजन 112 बीसीसी में 90 ने मतदान किया, जिनमें से 87 ने अविश्वास को समर्थन करते हुए विपक्ष में मत डाला। मात्र दो ही सदस्य ऐसे रहे जिन्होंने आदेश यादव के पक्ष में मतदान किया। जबकि एक मत निरस्त हुआ।

मतदान का आदेश यादव ने किया बहिष्कार

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक-दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए। कई बार हंगामे की स्थिति बनी। नोंकझोंक पर पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को हस्तक्षेप करना पड़ा। भाजपाइयों का पलड़ा भारी देख प्रमुख ने प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगाए। मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार कर सदन से बाहर निकल आए।

महिला नेत्री को कराया बाहर

अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई के दौरान बीडीसी सदस्यों को सभागार में जाने की अनुमति थी, लेकिन भाजपा नेत्री राजरानी लोधी सभागार में पहुंच गई। निवर्तमान प्रमुख आदेश यादव ने उन्हें देखकर कड़ी आपत्ति जताई, जिस पर पुलिस ने उन्हें कर दिया।

छावनी बना ब्लाक परिसर

सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने पांचों थानों का पुलिस बल तैनात किया। एडीएम एफआर मनोज कुमार पांडेय, एसपी देहात संसार सिंह, सीओ आलोक कुमार, एसडीएम फरीदपुर सहित कई अधिकारी मौके डटे रहे।

वर्जन--

सत्ता के दबाव में पुलिस व प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखकर अविश्वास प्रस्ताव पास कराने का दावा किया है। वे इसके खिलाफ कोटर् में जाएंगे।

आदेश सिंह यादव, निर्वतमान ब्लॉक प्रमुख