निगेटिव ब्लड ग्रुप से हुए कंगाल, मिनिमम स्टॉक भी हो पा रहा मैंटेन
होल ब्लड की भी किल्लत, गंभीर मरीजों के लिए बढ़ी दिक्कत
Meerut . ब्लड देकर मरीजों की जान बचाने वाले शहर के ब्लड बैंक्स खुद संकट में हैं. सरकारी हो या प्राइवेट, मरीजों का प्रेशर बढ़ते ही इनकी हालत चरमरा गई हैं. इन दिनों ब्लड बैंक मिनिमन स्टॉक तक मैंटेन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में मरीजों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. जबकि हीट स्ट्रोक और वैक्टर बार्न डिजीज का खतरा भी सिर पर मंडरा रहा है.
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निगेटिव ब्लड ग्रुप से कंगाल
शहर के लगभग सभी ब्लड बैंक में निगेटिव ब्लड ग्रुप का टोटा चल रहा है. स्टॉक में इन ग्रुप्स की एक यूनिट तक नहीं हैं. एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज व प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में ए-निगेटिव, बी-निगेटिव, एबी-निगेटिव, ओ-निगेटिव का स्टॉक पूरी तरह से जीरो हैं. जबकि होल ब्लड कोम्पोनेंट्स की भी भारी कमी है.
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ये है वजह
ब्लड बैंक के अधिकारियों के मुताबिक गर्मियों में डिलीवरी, ट्रामा समेत सर्जरी के मरीजों की तादाद बढ़ जाती है. छुट्टियां होने व मौसम ठीक होने की वजह से अधिकतर रूकी हुई सर्जरी इन्हीं दिनों में होती है. गर्मी में बीमारियां भी अधिक होती हैं ऐसे में ब्लड सप्लाई बहुत बढ़ जाती है. और स्टॉक कम हो जाता है. जबकि गर्मियों में बॉडी का टेम्प्रेचर मैंटेन करना होता है. ऐसे में ब्लड डोनेशंस कैंप भी कम हो जाते हैं.
ये है स्थिति
मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक
होल ब्लड
पॉजिटिव ब्लड ग्रुप
ग्रुप- होल ब्लड-पीआरबीसी- प्लाज्मा
ए- 20-22-280
बी- 25-83-0-
एबी-0-7-0
ओ-20-27-0
निगेटिव ब्लड ग्रुप
ए- 0-0-0
बी- 0-0-0
एबी- 0-0-0
ओ-0-0-0
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जिला अस्पताल
पॉजिटिव ब्लड ग्रुप
-होलब्लड-पीआरबीसी-एफएफपी-पीसी
ए- 0-0-40-0
बी- 0-99-300-0
एबी-0-0-08-0
ओ-0-62-230-0
निगेटिव ब्लड ग्रुप
ए- 0-0-0
बी- 0-0-0
एबी- 0-0-0
ओ-0-0-0
(स्टॉक सोमवार, 10 जून का है)
फैक्ट फाइल
- 14 ब्लड बैंक हैं मेरठ में
- 2 ब्लड बैंक सरकारी हैं.
- 12 ब्लड बैंक प्राइवेट हैं.
- 250 यूनिट की रोजाना डिमांड होती है मेडिकल कॉलेज में
- 50-60 यूनिट की रोजाना डिमांड है जिला अस्पताल में
- 10-12 यूनिट की डिमांड रोजाना निगेटिव ब्लड ग्रुप की आती है दोनों ब्लड बैंक्स में
ये हैं ब्लड डोनेट करने के नियम
- ई-रक्त कोष ऐप के जरिए डोनर्स खुद को रजिस्टर्ड करा सकते हैं.
- 18 से 65 वर्ष के लोग ब्लड डोनेट कर सकता है.
- ब्लड डोनर का हीमोग्लोबिन 12.5 एवं वजन 45 किग्रा से कम नहीं होना चाहिए.
- हर तीन महीने के बाद किया जा सकता है ब्लड डोनेट
- ब्लड डोनेट खाली पेट नहीं करें.
ब्लड डोनेट के बाद 24 घंटे तक धूम्रपान, तंबाकू, शराब का सेवन नहीं करें.
- 24 घंटे तक कोई भारी वजन नहीं उठाएं, खासकर जिस हाथ से रक्त निकला गया हो.
- दो घंटे तक साइकिल, बाइक नहीं चलाएं.
- गर्मी के दिनों में ब्लड डोनेट करने के बाद अगले तीन घंटे तक धूप में नहीं निकलें.
- ब्लड डोनेट के बाद पौष्टिक एवं स्वस्थ्य आहार अवश्य लें, खाली पेट नहीं घूमें.
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इनका है कहना
ब्लड डोनर्स हमेशा ऑन कॉल उपलब्ध रहते हैं. मरीजों को भी डिमांड ग्रुप का डोनर उपलब्ध कराना होता है. अगर स्टॉक बिल्कुल नहीं होता है तो मरीज के डोनर का ही ब्लड उपलब्ध करा दिया जाता है.
डॉ. कौशलेंद्र, ब्लड बैंक इंचार्ज, प्यारेलाल जिला अस्पताल
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ब्लड बैंक इंचार्ज को स्टॉक पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा ब्लड डोनेशन कैंप भी लगवाने के लिए कहा गया है. मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी.
डॉ. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज