- शहीद स्थल पर शौर्य दिवस पर सीएम हरीश रावत ने दी श्रद्धांजलि

- सीएम हरीश रावत ने कहा शहीदों की पत्‍‌नी विरांगना होती है

DEHRADUN : 'ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी' इसी देश भक्ति गीत के साथ जब संडे को गांधी पार्क स्थित शहीद स्थल पर शौर्य दिवस के मौके पर श्रद्धांजलि समारोह कार्यक्रम की शुरुआत हुई तो वहां मौजूद सभी लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। बतौर चीफ गेस्ट सीएम हरीश रावत सहित सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत व क्षेत्र के विधायक राजकुमार ने शहीद स्थल पर पुष्प गुच्छ चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

शहीद सैनिक पत्‍‌नीकी वीरांगना

इस मौके पर सीएम हरीश रावत ने कहा कि आज पूरा भारतवर्ष नत्मस्तक होकर उन वीर पुरुषों को नमन कर रहा है, जिन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उनके बलिदान की गाथा यूं ही निरंतर चलती रहनी चाहिए। हमें इस गाथा को और मजबूत करते हुए आगे बढ़ाना होगा। आज अगर यह संकल्प हम सब लेते हैं तो यही इन शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होने कहा कि शहीद वीर सैनिक की पत्‍‌नी को विरांगना होती है।

आज भी लड़ाई लड़ रहे हैं हम

सीएम ने कहा कि भारत ने क्9म्ख् से लेकर सीमा पर कई युद्ध लड़े हैं और आज भी हम युद्ध लड़ रहे हैं। बात सिर्फ इतनी है कि वह लड़ाई विजिवल थी और आज हम अदृश्य लड़ाई लड़ रहे हैं। छुपे हुए घुसपैठिए समय-समय पर वार करते हैं। लेकिन खून की हर बूंद के साथ भारत मजबूत हो रहा है। क्योंकि भारत का हर वीर देश की अखंडता व एकता की रक्षा कर रहा है। उत्तराखंड के वीर पुत्रों ने हमेशा ही देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है।

कोने-कोने पर हैं सैनिक परिवार

सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि तमाम वीरों व उनके परिवारों को नमन जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। प्रदेश के कोने-कोने में सैनिक परिवार हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों को सम्मान देने के लिए उत्तराखंड में सैनिक कल्याण परिषद का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद सीएम और उन्होंने छोड़ा है। ताकि इन पदों पर कोई पूर्व सैनिक ही दायित्व निभाए।

सम्मान करने में उत्तराखंड नंबर वन

कारगिल में हमारे सैनिकों ने प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ाई लड़कर अपने देश की ओर बढ़ते दुश्मन को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सैनिकों के सम्मान करने वालों में उत्तराखंड पहला राज्य है। शहीद सैनिक की फैमिली को क्0 लाख रुपए, स्टाम ड्यूटी में छूट, नगर पालिका व नगर निगमों में हाउस टैक्स में छूट आदि तमाम योजनाएं उत्तराखंड में सैनिकों व उनकी फैमिली के कल्याण में चल रही है।

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तो सॉल्व हो जाता पेंशन का मुद्दा

कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्व। इंदिरा गांधी को याद करते हुए सीएम हरीश रावत ने कहा कि इंदिरा गांधी सैनिकों को बड़े सम्मान के साथ देखती थीं। कोई सैनिक अगर उनसे मिलने जाता तो वह अपनी सीट से उठकर आगे बढ़ते हुए सैनिक को सम्मान देती थी। आज अगर इंदिरा गांधी जीवित होती तो शायद वन रैंक, वन पेंशन का के मुद्दे का सॉल्यूशन निकल गया होता। हालांकि यह मुद्दा उनके सामने आया जरूर था, लेकिन उन्हें समय मिलता तो आज यह मुद्दा बनकर नहीं रह जाता।

सीएम ने बांटी अनुदान राशि

कार्यक्रम के अंत में सीएम हरीश रावत ने शहीदों के परिवारों व पूर्व सैनिकों की फैमिली को अनुदान राशि वितरित की। साथ ही शॉल व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। शहीद सैनिकों की पत्‍‌नी ओमकारी देवी, सीमा देवी, सुभाषिनी देवी, कस्तूरी देवी, मबीता देवी, आशा देवी, मनीषा देवी, अनीता देवी को एक-एक लाख रुपए का अनुदान पुत्री विवाह के लिए दिया गया। साथ ही दैवीय आपदा अनुदान में पूर्व हवलदार महिपाल सिंह को फ्0 हजार रुपए, सूबेदार मसंत सिंह पंवार को छात्रवृत्ति अनुदान के तहत क्8 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई।

राजय में हो वार मेमोरियल

सैनिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष ले.ज। गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि राज्य में अभी तक छोटी-छोटी वार मेमोरियल हैं, लेकिन अभी तक एक बड़ा वार मेमोरियल नहीं है। उन्होंने सीएम हरीश रावत से मांग की है कि राज्य का एक वार मेमोरियल होना चाहिए। वहीं राजपुर रोड विधायक राजकुमार ने कहा कि बगैर शहीदों के सम्मान के देश प्रगति के पथ पर नहीं चल सकता है। शहीदों का सम्मान होगा तभी हम विकास की ओर बढ़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि गांधी पार्क शहर का एक मात्र पार्क है। यहां शहीद स्थल भी है। पूर्व में यहां को लेकर कई घोषणाएं हुई हैं। अगर वह समय पर पूरी हो जाती हैं तो यह अच्छा है।

मिलेगी एक और लाल बत्ती

सीएम हरीश रावत ने कार्यक्रम के दौरान मंच से घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सैनिक कल्याण परिषद अब ऑटोनॉमस बॉडी के रूप में काम करेगी। जो सैनिक कल्याण मामले देखने के साथ ही राज्य सरकार के लिए सलाहकार के रूप में काम करेगी। परिषद के चेयरमैन को कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त होगा। ले.ज। गंभीर सिंह नेगी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएम हरीश रावत और सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत ने संयुक्त रूप से सैनिकों के हित में कुछ घोषणाएं की।

-हायर एजुकेशन के लिए पूर्व सैनिकों के बच्चों को अब उपनल उतनी सहायता देगा जितना परिषद देता है।

- आईआईटी, आईआईएम व एमबीबीएस करने वाले विकलांग सैनिक के बच्चे व शहीदों के बच्चों को प्रतिवर्ष उपनल एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगा।

- प्रदेश के प्रमुख शहरों में हॉस्टल बनाए जाएंगे। जहां सैनिक विधवाओं के बच्चे रह सकेंगे। साथ ही पूर्व सैनिक भी इन हॉस्टल में रह सकेंगे।

-देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा प्रमुख शहरों में हॉस्टल निर्माण की शुरुआत होगी।