बेटियां डॉक्टर हैं

सिविल लाइंस में होटल मैन्योर की पीछे सीताराम अग्रवाल का घर है। वहां वह अपनी पत्नी ऊषा अग्रवाल और मां यशोधरा के साथ रहते हैं। उनकी दो बेटियां दीपिका और समिता हैं। नेबर्स ने बताया कि दीपिका की शादी आगरा में डॉ। रोहित के साथ और समिता के शादी डॉ। संजीव के साथ हुई थी। दोनों बेटियां भी डॉक्टर हैं।

अक्सर घर पर ही रहते थे नेबर्स ने बताया कि सीताराम अग्रवाल ऑयल के होल सेल डीलर हैं। वह अपने घर से ही बिजनेस का काम-काज करते हैं। उनकी एग्रीकल्चरल इंडस्ट्रियल डिस्ट्रीब्यूटर के नाम से होल सेल कंपनी है। पड़ोसियों का कहना है कि कंपनी को बंद हुए 4 से 5 साल हो गए। कंपनी बंद करने के बाद अब वह कुछ नहीं करते थे। सीताराम अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो वह घर पर ही रहते थे लेकिन कभी-कभी ताश खेलने बरेल क्लब जाया करते हैं।

ब्रिज खेलने गए थे पति

उन्होंने बताया कि वह संडे को बरेली क्लब गए थे। वह शाम 5.20 बजे घर आए। उन्होंने घंटी बजाई तो रेस्पॉन्स नहीं मिला। थोड़ा परेशान होकर वह पीछे के दरवाजे से घर में दाखिल हुए। अंदर देखकर वह शॉक्ड रहे गए। मेन डोर के सामने ही ऊषा की डेडबॉडी पड़ी हुई थी।

धारदार हथियार से हमला

ऊषा के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया था। जिस कमरे में मर्डर हुआ उसके पास के कमरे में रखी अलमारी में कपड़े बिखरे पड़े थे। कोतवाल राजा सिंह ने बताया कि उन्हें कई सुराग हाथ लगे हैं। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

नौकरानी घर में नहीं थी

सीताराम ने बताया कि उनके घर में तीन नौकरानियां हैं। इनमें से मीना छुट्टी पर गई है, जो मंडे को आएगी। अनीता बर्तन मांजकर घर जा चुकी थी। वहीं तीसरी नौकरानी मंजू ने ऊषा से बताया था कि संडे को उसकी छोटी बेटी को देखने लड़की वाले आए हैं। इसलिए संडे को काम पर नहीं आ पाएगी. 

कैमरों में होगा कैद

सोर्स से मिल जानकारी के मुताबिक हत्यारों की इमेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। दरअसर हत्यारे अगर होटल डी ग्रांट की गैलरी से भागे हैं तो वहां लगे हिडेन कैमरों मेंं उनकी फोटो जरूर आ गई होगी।

बुढिय़ा बाय

जिस कमरे में ऊषा अग्रवाल की बॉडी पड़ी हुई थी, वहीं पास में स्थित कमरे के बाथरूम में लगे शीशे पर लिखा था बुढिय़ा बाय। पुलिस का मानना है कि मर्डरर्स हत्या को अंजाम देने के बाद शीशे पर ये लाइन लिखकर फरार हो गए।

पहुंचा डॉग स्क्वॉयड

सूचना मिलने पर डॉग स्क्वॉयड भी मौके पर पहुंच गया। वहां पहुंचकर पुलिस ने कई अहम सुराग अपने कब्जे में लिए। घटनास्थल पर एसपी सिटी अतुल सक्सेना, सीओ सिटी फस्र्ट राजकुमार, कोतवाल राजा सिंह समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। डीआईजी राजकुमार भी मौके पर आ कर जा चुके थे।

कैश यूं ही पड़ा रहा

एसपी सिटी ने बताया कि सीताराम बैंक से 10 लाख रुपए निकाल कर लाए थे। इनमें से 4 लाख रुपए उन्होंने आगरा में रह रही अपना बेटी दीपिका को दिए। एक लाख रुपए बैंक में जमा कर दिए, जबकि 5 लाख रुपए अलमारी में रखे थे, जो सुरक्षित हैं। मर्डरर्स ने उन्हें हाथ नहीं लगाया। पुलिस का कहना है कि मर्डर के पीछे लूट की आशंका कम है लेकिन फिर भी पुलिस तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है।

तीन थे हत्यारे

पड़ोसियों का कहना है कि शाम 4 से 4.15 बजे के बीच उन्होंने तीन युवकों को घर से निकलते देखा। इनमें से दो छोटे कद के थे और एक लंबा था। वे घर के पीछे के दरवाजे से तेजी बाउंड्री को कूद कर भागे थे। वे जिस तरफ से भागे, वहीं होटल डी ग्रांट की गैलरी है।