RANCHI: रिम्स में इएनटी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने पांच साल की बच्ची का कॉक्लियर इंप्लांट किया। वहीं मशीन को डॉक्टरों ने चेक भी कर लिया है। अगर बच्ची की ट्रेनिंग सक्सेसफुल हो जाती है तो परिणीता कुमारी फिर से बोलने और सुनने लगेगी। हालांकि, आपरेशन के बाद ही बच्ची ने रिस्पांस करना शुरू कर दिया है। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के ईएनटी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ राजेश विश्वकर्मा के नेतृत्व में डॉ। पीके सिंह की टीम ने तीन घंटे में यह आपरेशन किया है। बताते चलें कि इस मशीन की कीमत छह लाख रुपए है।

पिछले साल आई थी रिम्स

बिरसा चौक की रहने वाली पांच साल की परिणीता ने आवाज पर रिस्पांस करना शुरू कर दिया है। डॉ। सिंह ने बताया कि पिछले साल आई बच्ची के आपरेशन के लिए पेरेंट्स की काउंसेलिंग की जा रही थी। इसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस एंड इंपावरमेंट में आनलाईन एप्लीकेशन भेजा गया। जहां से वेरीफाई करने के बाद मशीन आई। इसके बाद हमने बच्ची का आपरेशन करने का निर्णय लिया।

वेरिया टेक्निक से ब्लडलेस ऑपरेशन

डॉ। पीके सिंह ने बताया कि वेरिया टेक्निक से बच्ची का आपरेशन किया गया है जो कि पूरी तरह से ब्लडलेस है। इसकी शुरुआत डॉ। राजेश ने ही की है। इसके लिए वह देशभर के डॉक्टरों को जागरूक भी कर रहे हैं। वहीं डॉ। आरके श्रीवास्तव ने बताया कि रिम्स में भी इस तरह के आपरेशन हो रहे हैं। इससे मरीजों को काफी फायदा होगा। वहीं रिम्स के लिए यह बड़ी उपलब्धि में शामिल हो गया।

क्या है कॉक्लियर इंप्लांट

डॉ। पीके सिंह ने बताया कि कॉक्लियर मशीन को इंप्लांट किया जाता है। जो बाहर की ध्वनि और तरंगों को ब्रेन तक पहुंचाती है। इसके बाद ब्रेन से मैसेज सिग्नल मरीज के कानों तक पहुंचता है। इससे मरीज बातों को सुनता और समझता है। इसके बाद वह बोलना भी शुरू कर देता है।