-बागपत में पंजीकरण, मेरठ की सड़कों पर दौड़ रहीं कबाड़ा बसें

-पिछले दिनों मेरठ-दिल्ली रोड पर हो गए थे बस के ब्रेक फेल

-कमिश्नर ने दिए आरटीओ को जांच कर कार्रवाई के आदेश

Meerut : मेरठ-दिल्ली रूट पर विभागीय मिलीभगत से 'खूनी बसें' दौड़ रही हैं। फर्जी नाम पते और चेसिस की बिनाह पर मेरठ में यूपी रोडवेज के साथ अनुबंध पर 3 एसी बसें फर्राटा भर रही हैं। अधिकारियों की सरपरस्ती में यह गोरखधंधा चल रहा है। जनसुनवाई में हुई शिकायत के बाद खुलासा हुआ तो कमिश्नर ने आरटीओ को जांच के आदेश दिए हैं।

बागपत में कराया रिन्यूवल

जनसुनवाई में हुई शिकायत को संज्ञान में लेकर एआरटीओ बागपत ने मेरठ-दिल्ली रूट पर संचालित 3 एसी बसों की जन्मकुंडली खोल दी। एआरटीओ बागपत ने बताया कि यूपी 17 टी 7794, यूपी 17 टी 7795, यूपी 17 टी 7796 के प्रपत्रों का सत्यापन किया गया तो प्रकाश में आया कि तीनों बसों के स्वामी, निर्माण और विक्रय तिथि में अंतर है। बसों के संबंध में एआरटीओ ने अशोका लीलैंड से भी संपर्क किया। बस निर्माता कंपनी ने बताया कि वह इन तीनों चेचिस को कंडम घोषित कर चुका है। तथ्यों को छिपाकर एआरटीओ बागपत से तीनों बसों का 2015 में एनओसी जारी करा लिया गया।

मेरठ में संचालन

बागपत के पते पर रजिस्टर्ड इन कंडम बसों का रिन्यूवल कराकर उनका संचालन मेरठ में किया जा रहा है। मेरठ का पता दर्शाकर आरटीओ से फिटनेस हासिल की गई और भैंसाली बस अड्डे से अटैच करा दी गई। रोडवेज और आरटीओ के अधिकारियों की मिलीभगत से कंडम एसी बसें मेरठ से दिल्ली के बीच फर्राटा भर रही हैं।

जांच के आदेश

शिकायतकर्ता सचिन गोयल ने कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के समक्ष शिकायत की। कमिश्नर ने आरटीओ मेरठ को प्रकरण की जांच सौंपी है। वहीं शिकायतकर्ता का दावा है कि गत दिनों रिठानी में ब्रेक फेल होने से इन्हीं में से एक बस से बड़ा हादसा टल गया था। आश्चर्यजनक यह है कि हादसे के बाद भी रोडवेज और आरटीओ ने कंडम बसों का लाइसेंस निरस्त नहीं किया।

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कंडम बसों के संचालन की जानकारी मिली है, तीनों बसों के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह बसों का रजिस्ट्रेशन बागपत से हुआ है।

-श्वेता वर्मा, एआरटीओ, मेरठ

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कंडम बसों का सड़कों पर संचालन नियम विरुद्ध है। जांच आरटीओ मेरठ को दी गई है। विभिन्न विभागों की भूमिका की पड़ताल भी की जा रही है।

-डॉ। प्रभात कुमार, कमिश्नर, मेरठ मंडल