- हेयर लाइन फैक्चर नहीं खोज पाती मशीन

- कई बार प्राइवेट एक्सरे कराने की पड़ती हैं जरूरत

GORAKHPUR: जिला अस्पताल के एक्सरे मशीन की धुंधली तस्वीर कन्फ्यूज करती है। हेयर लाइन फैक्चर हो या फिर फेफड़ों में कंजेशन। जांच के बाद टेक्नीशियन भी घनचक्कर हो जाते हैं। डॉक्टर्स भी प्लेट देखकर दोबारा एक्सरे कराने की सलाह देते हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डिजिटल एक्सरे मशीन आ गई है। उसको लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही मरीजों को इसका लाभ मिलने लगेगा।

केस एक: रामजानकी नगर मोहल्ले के राजन की बेटी शिखा को कार से चोट लग गई। प्राइवेट एक्सरे कराने पर पैर में हेयर लाइन फैक्चर सामने आया। डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ा दिया। मेडिकल क्लेम के लिए जिला अस्पताल में एक्सरे कराने की जरूरत पड़ी। जिला अस्पताल के एक्सरे में फैक्चर नहीं नजर आया। इससे टेक्नीशियन खुद कन्फयूज हो गया।

केस दो: शिवपुर निवासी सुजाता के पीठ में दर्द हो रहा था। वह अपने फैमिली मेंबर्स के साथ जिला अस्पताल में जांच कराने पहुंची। डॉक्टर ने एक्सरे की सलाह दी। एक्सरे कराने पर धुंधली तस्वीर देखकर डॉक्टर चौक गए। सुजाता को डिजीटिल एक्सरे के लिए बाहर भेज दिया गया।

सालों पुरानी मशीन दे रही जवाब

जिला अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि सालों पुरानी एक्सरे मशीन भी जवाब दे चुकी है। कई बार एक्सरे की धुंधली तस्वीर आती है। हेयर लाइन फैक्चर में मशीन की जांच सही रिपोर्ट नहीं दे पाती है। इसलिए मरीजों को मेडिकल कालेज या फिर किसी प्राइवेट एक्सरे की जरूरत पड़ती है। फेफड़े की जांच में भी यह शिकायत सामने आती है। प्रॉब्लम सामने आने पर डॉक्टर्स के साथ-साथ मरीजों ने भी अस्पताल से नये एक्सरे मशीन की डिमांड की।

डिजीटल एक्स रे मशीन मंगा ली गई है। इन्स्टालेशन के बाद पेशेंट्स की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी। पेशेंट्स की समस्या की देखते हुए यह कदम उठाया गया।

डॉ। एचआर यादव, एसआईसी