बीएमपी महिला बटालियन की बहाली

बिहार पुलिस चयन पर्षद की ओर से जब बीएमपी महिला बटालियन की बहाली हुई, तो इनलोगों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इस तरह रहना पड़ेगा। इन्हें हर कदम पर प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है। यह दर्द है आलमगंज थाना के बगल में गुलजारबाग मैदान के नॉर्थ गवर्नमेंट क्वार्टर में रह रहीं महिला बटालियन की एक कंपनी की।

छत से रिस रहा पानी, छज्जे पर आफत

क्वार्टर में रह रही खुशबू, कविता, रीना व ममता कहती हैं कि हमलोग बुरी स्थिति में रहने को मजबूर हैं। हल्की बारिश में ही छत से पानी रिसने लगता है। बारिश में सो ही नहीं पाते हैं, सामान भीगने से बचाने की जुगत करनी पड़ती है। हमलोग रूम में प्लास्टिक लगाकर व बर्तन रखकर पानी से बचाते हैं, तब सामान बच पाता है। छत का प्लास्टर गिरते रहता है। एक बार तो इससे कविता को चोट भी लग चुकी है। दो बार इस तरह का इंसीडेंट हो भी चुका है।

बिजली है, पर बिना काम वाली

क्वार्टर में बिजली का कनेक्शन है, पर इतना लो वोल्टेज रहता है कि 100 वॉट का बल्ब भी रोशनी नहीं देता है। रूम में सीलिंग फैन है, पर वह भी खराब पड़ा है। पर्सनल टेबल फैन चलाती हैं। समर सीजन में रात को सोना मुश्किल हो जाता है। लोड शेडिंग होने पर जेनरेटर का भी कोई अरेजमेंट नहीं है। महिला जवानों का कहना है कि है तो दो ट्वॉयलेट, पर एक खराब व चॉक कर गया है। पानी की प्रॉब्लम है, सो अलग। इस कारण सुबह पांच से 10 बजे तक फ्रेश करने में ही बिजी रहती हैं। इनमें अधिकांश को सुबह सात से आठ ड्यूटी के लिए भी जाना पड़ता है.

 
हर आईजी रीजन में एक-एक कंपनी

बीएमपी महिला बटालियन को पहले सासाराम में रखा गया था, जिसके बाद डीजीपी हेडक्वार्टर के आदेश पर हर आईजी रीजन में एक-एक कंपनी को डिप्युट किया गया। आलमगंज थाना के पास भी एक कंपनी 25 फरवरी से ही कैंप कर रही है.

 
क्वार्टर से पुलिस लाइन तक प्रॉब्लम

महिला जवान बताती हैं कि इस कैंप में इतनी प्रॉब्लम फेस करने के बाद भी मार्निंग सात से आठ के बीच पुलिस लाइन के लिए रश करना पड़ता है। ट्वॉयलेट के साथ ड्रिंकिंग वाटर की फैसिलिटीज नहीं है। महिला बैरक में जाने पर वहां से भगा दिया जाता है.

 
कोई एक्टिविटीज भी नहीं हो पाती

बीएमपी महिला बटालियन के जवानों की पीड़ा इससे कहीं और ज्यादा है। मैक्सिमम का कहना है कि हमलोग टेंथ पास हैं। आगे की पढ़ाई करने की सोच रहे हैं, तो बिजली व पंखा नहीं होने से कोई काम सही से नहीं हो पाता है। खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज, दौड़ व स्पोट्र्स तक की किसी भी एक्टिविटीज के लिए स्पेस नहीं है.

 

हमारे लिए भी तो कोई सोचे

महिला जवानों ने कहा कि एक तरफ देश के विभिन्न सिटीज में महिला इंपॉवरमेंट के लिए काम किया जा रहा है। महिलाओं पर होने वाले जुल्म को रोकने की कोशिश की जा रही है। नए-नए कानून बनाए जा रहे हैं। गांवों में महिलाओं के लिए ट्वॉयलेट बनाने की बात की जा रही है। तो, दूसरी ओर हम जवानों के लिए सोचने की किसी को फुर्सत नहीं है।