- जब हादसा होगा तब करवाइएगा रिपेयर

- कब मिलेंगे बी एन कॉलेज के हॉस्टल के लिए आवंटित दो करोड़

- जर्जर बिल्डिंग में रहने के लिए मजबूर हैं स्टूडेंट्स

- क्रैक कर गई हैं दीवारें तो झर रहे हैं छत के प्लास्टर

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PATNA : बीएन कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स असुरक्षित हैं. कॉलेज की बिल्डिंग के साथ-साथ हॉस्टल की बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है. फंड का मामला सरकारी फाइलों में अटका है. कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की बार-बार डिमांड के बाद कैंपस के हॉस्टल की मेजर रिपेयरिंग के लिए दो करोड़ रुपए एलॉट किए गए हैं. फंड के एलॉटमेंट की सूचना कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को है, लेकिन फंड कब तक मिलेगा, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है.

तीन सौ स्टूडेंट्स के लिए आवासीय व्यवस्था

बीएन कॉलेज के पास तीन सौ स्टूडेंट्स को रखने के लिए हॉस्टल है. इसके लिए कैंपस के बगल में तीन ब्लाक और सैदपुर स्थित हॉस्टल नंबर छह है. कॉलेज कैंपस के पास हॉस्टल के तीनों ब्लाक कंडम हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों में होती है.

उगे गए पीपल के पेड़

कॉलेज कैंपस के बगल में स्थित हॉस्टल का हाल खस्ता है. बिल्डिंग की दीवार पर पीपल और बरगद के पेड़ उग आए हैं इससे दीवारें क्रैक कर गई हैं तो छत की सीलिंग के प्लास्टर झरने लगे हैं. हाल ऐसा है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है. इसमें रहने वाले स्टूडेंट्स हर वक्त डरे रहते हैं कि पता नहीं कब प्लास्टर का टुकड़ा सिर पर गिर आए. हॉस्टल की वाटर सप्लाई व ड्रेनेज सिस्टम भी खराब हो चुका है. जहां-तहां छत पर पानी गिरने से कई जगह पर डंप लगा हुआ है. छत का सही तरीके से देख-भाल नहीं होने से हर समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

सैदपुर हॉस्टल में बेसिक फैसिलिटी नहीं

बीएन कॉलेज का एक हॉस्टल सैदपुर में भी है. सैदपुर स्थित हॉस्टल नंबर छह में ख्007 में मेजर रिपेयरिंग वर्क हुआ था, लेकिन यहां बेसिक फैसिलिटी का अभाव है. हॉस्टल के ट्वायलेट व बाथरूम में गेट टूटे हुए है. इसके अलावा सेनिटेशन आदि की भी परेशानी है. फंड नहीं होने के कारण रिपेयरिंग का काम अटका पड़ा है.

कर्मचारी भी फैलाते हैं गंदगी

स्टूडेंट्स का आरोप है कि कैंपस में रहने वाले कर्मचारी कैंपस को साफ-सुथरा तो नहीं करते हैं, लेकिन गंदा करते रहते हैं. मना करने पर उलटे लड़ाई करने पर उतारू हो जाते हैं. कैंपस में इनके द्वारा जहां-तहा गंदगी फैलाने की शिकायत वार्डन से कई बार की जा चुकी है.

हॉस्टल कैंपस में काफी हो-हल्ला करने पर कभी-कभी सफाई की जाती है.

- रितेश कुमार, बीए पार्ट टू

बरसात के समय रूम में छत से पानी टपकता है. रात में जाग कर रहना पड़ता है.

- आशुतोष कुमार, बीए पार्ट वन

मकान काफी-जर्जर हो चुका है. किसी भी समय छत का कोई टुकड़ा गिर सकता है.

- अमन कुमार, बीए पार्ट वन

कैंपस का बाथरूम व यूरिनल डैमेज है. कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

- राकेश कुमार, बीएससी पार्ट थर्ड

हॉस्टल की स्थिति जर्जर है. बारिश के समय काफी परेशानी होती है. स्टेट गवर्नमेंट ने हॉस्टल के लिए दो करोड़ रुपए एलॉट किया है, लेकिन अभी तक फंड नहीं मिला है. फंड मिलने के बाद हॉस्टल का मेजर रिपेयरिंग संभव हो पाएगा.

- डॉ डीएन सिन्हा, हॉस्टल सुपरिंटेंडेंट, बीएन कॉलेज