-मूल्यांकन से गायब टीचर्स को वेतन काटने की चेतावनी

-अनुपस्थित टीचर्स के खिलाफ बोर्ड ने अपनाया सख्त रूख

ALLAHABAD: यूपी बोर्ड की कापियों के मूल्यांकन से गायब होने वाले टीचर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। ड्यूटी लगने के बाद भी अभी तक अनुपस्थित चल रहे परीक्षकों को अब वेतन की कटौती कराकर खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ये कहना है माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव प्रशासन कामता राम पाल का। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के कार्य से बड़ी संख्या में परीक्षकों के अनुपस्थित होने की जानकारी बोर्ड को मिल रही है। जिसके बाद बोर्ड ने अनुपस्थित चल रहे टीचर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बनाते हुए प्रदेश के सभी जिलों के डीआईओएस को इसके लिए निर्देश दे दिए हैं।

अनुपस्थित है तो कारण बताएं

अपर सचिव प्रशासन ने कहा कि प्रदेश के कई डिस्ट्रिक्ट में बनाए गए मूल्यांकन केन्द्र में इस तरह की समस्या सामने आ रही है। जिसको बोर्ड के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है। मूल्यांकन में टीचर्स की तैनाती की गई है और बड़ी संख्या में परीक्षक अपने सेन्टर्स से गायब है। इसे देखते हुए बोर्ड ने निर्देश दिया है कि अनुपस्थित परीक्षक मूल्यांकन केन्द्र से गायब होने के पीछे ठोस कारण बताए। इतना ही नहीं अपने कालेज के प्रिंसिपल से उसे सत्यापित भी कराकर उसकी जानकारी लिखित रूप से डीआईओएस कार्यालयों को दें। अनुपस्थित टीचर्स ऐसा नहीं करते हैं तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा।

सिटी के सेन्टर्स की हालत गम्भीर

बोर्ड कापियों के मूल्यांकन को लेकर सिटी में बनाए गए सातों सेन्टर्स की बात की जाए तो यहां की हालत भी बेहद गम्भीर है। सिटी के सात सेन्टर्स में शायद ही कोई ऐसा सेन्टर हो जहां डीएचई व परीक्षकों की संख्या पूरी हो। केसर विद्या पीठ इंटर कालेज में ही प्रा। गणित के लिए तीन ग्रुप बनाए गए थे। लेकिन, मूल्यांकन कार्य शुरू होने के एक वीक बाद भी अभी तक दो ग्रुप ही उपस्थित हुए है। जीआईसी में थर्सडे तक क्0क्ख् परीक्षकों में से म्79 ही उपस्थित हुए। केपी इंटर कालेज में भी ऐसा ही हाल है। यहां भी 997 परीक्षकों में से अभी तक 7म्म् परीक्षक ही मूल्यांकन केन्द्र पर उपस्थित हुए हैं। भारत स्काउट गाइड इंटर कालेज केन्द्र पर भी परीक्षकों का आंकड़ा अभी तक पचास प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ सका है। अन्य सेन्टर्स की हालत भी इसी प्रकार है।

मूल्यांकन के कार्य में लापरवाही को देखते हुए बोर्ड की ओर से ऐसा कदम उठाया गया है। जिससे भविष्य में परीक्षक लापरवाही न करें।

कामता राम पाल

अपर सचिव प्रशासन

माध्यमिक शिक्षा परिषद