--UP बोर्ड की बुक्स में चल रहा खेल, मार्केट में नहीं दिख रही निर्धारित पब्लिशर्स की बुक्स

-प्राइवेट पब्लिशर्स उठा रहे पूरा फायदा, डबल प्राइस में बिक रहीं books

VARANASI (18 July): उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने अपने स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए स्टूडेंट्स को सस्ती बुक्स अवेलेबल कराने का ऑर्डर जारी किया था। इसके लिए बोर्ड की ओर से इन बुक्स के प्रकाशन के लिए एक दर्जन पब्लिकेशन हाउस को जिम्मेदारी भी दी गई थी। लेकिन हाल यह है कि सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के स्टार्ट होने पर भी बुक्स मार्केट से गायब हैं। इनके स्थान पर प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक्स निर्धारित रेट से इतर डबल प्राइस पर बेची जा रही हैं।

जारी किया था टेंडर

यूपी बोर्ड ने सेशन ख्0क्ब्-क्भ् में अपने स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए क्लास नौ से इंटरमीडिएट की बुक्स के प्रकाशन का टेंडर जारी किया था। इसके लिए बोर्ड की ओर से क्ख् प्रकाशन को इन क्लासेज की बुक्स पब्लिकेशन करने की जिम्मेदारी दी गई थी। बोर्ड ने इन पब्लिशर्स को किन सबजेक्ट की बुक्स, किन क्लास की बुक्स, कितने पन्नों की बुक्स और उनकी कीमत कितनी होगी, सब कुछ पहले से ही निर्धारित कर दिया था। साथ ही इन पब्लिशर्स को कब तक बुक्स देनी हैं, बोर्ड ने इसकी डेट लाइन भी तय कर दी थी। इसके बाद भी अभी तक सिर्फ तीन पब्लिशर्स की बुक्स मार्केट में दिख रही हैं।

तीन पब्लिशर्स की ही बुक मिली

क्लास नौ से लेकर क्ख्वीं तक की बुक्स की पब्लिशर्स की जिम्मेदारी जिन एक दर्जन प्रकाशकों को दी गई थी। उनमें से केवल तीन प्रकाशक काका संस प्राइवेट लिमिटेड नोएडा, रवि ऑफसेट प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन आगरा और राजीव प्रकाशन इलाहाबाद की ही बुक्स मार्केट में मिल रही हैं। अन्य प्रकाशकों की बुक का कहीं कोई अता-पता नहीं है। इसी का फायदा उठाकर दूसरे प्रकाशक इन्हीं नामों से मिलती-जुलती बुक्स मार्केट में बेच रहे हैं। जिनकी कीमत बोर्ड की ओर से निर्धारित कीमत से डबल है। बुक्स न आने के कारण यूपी बोर्ड के स्कूल्स में पढ़ने वाले गरीब स्टूडेंट्स महंगी बुक्स खरीदने को विवश हैं।

आदेश का उठा रहे फायदा

यूपी बोर्ड क्लास नौवीं की इंग्लिश की बुक्स के पब्लिकेशन का काम राजीव प्रकाशन इलाहाबाद को दिया गया है। यह बुक फ्ख्0 पन्नों की है, जिसकी कीमत बोर्ड की ओर से फ्7 रुपये भ्भ् पैसे तय की गई है। इसके बाद भी यह बुक कम आने के कारण इसके स्थान पर दूसरे प्रकाशक की बुक्स 70 रुपए में मिल रही हैं। इंटरमीडिएट की गद्य गरिमा की बुक के प्रकाशन की जिम्मेदारी काका संस प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को दिया गया है। यह बुक क्ख्0 पन्नों की है, जिसकी कीमत क्ब् रुपये भ्भ् पैसे है, लेकिन बुक्स की सप्लाई कम होने के कारण इसी नाम की बुक फ्भ् रुपए में बिक रही है। प्राइवेट पब्लिशर्स हाईकोर्ट के उस ऑर्डर का फायदा उठा रहे हैं जिसमें कोर्ट ने कुछ सेलेक्टेड प्राइवेट पब्लिशर्स को ही बुक छापने का आदेश जारी किया है।

यह पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसके बारे में पूरी जानकारी करने के लिए शनिवार को सचिव व सभी ऑफिसर्स की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें कोई सॉल्यूशन निकाला जाएगा। इस मामले पर अधिक जानकारी शनिवार की मीटिंग के बाद ही दी जा सकती है।

शैल यादव, डायरेक्टर, यूपी बोर्ड

इन पब्लिशर्स को मिली है जिम्मेदारी

क्। एचके पब्लिकेशन हाउस, मेरठ

ख्। बेनिसन पब्लिकेशन, मथुरा

फ्। काका संस प्रा। लि। नोएडा

ब्। कैला देवी पब्लिकेशन, शिकोहाबाद

भ्। मुद्रण महल, आगरा

म्। मेरठ सिक्योरिटी प्रेस, मेरठ

7. सिंघन एजेंसीज, लखनऊ

8. पायनियर प्रिंटर्स, आगरा

9. रवि ऑफसेट प्रिंटर्स एंड पब्लिकेशन, आगरा

क्0. राजीव प्रकाशन, इलाहाबाद

क्क्। न्यू लोकमान्य प्रेस, मथुरा

क्ख्। नगीन प्रकाशन प्रा। लि। मेरठ