प्रदेश में उत्तराखंड बोर्ड के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू

वर्ष भर बुक्स की रही मारामारी, टीचर्स को अब तक नहीं मिली ट्रेंनिंग

देहरादून,

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास के 2 लाख 74 हजार 794 स्टूडेंट्स के लिए इस बार एग्जाम मुसीबत बनने जा रहे हैं। प्रदेश में शिक्षा विभाग ने उत्तराखंड बोर्ड के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी सिलेबस लागू कर दिया, लेकिन न तो समय पर टीचर्स को ट्रेंनिंग दे पाए और न ही स्टूडेंट्स की नए सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई हो पाई है। सत्र शुरू होते ही पहले तो एनसीईआरटी बुक्स की डिमांड पूरी नहीं हो पाई। नंवबर में स्टूडेंट्स को बुक्स की डीबीटी की गई। जनवरी में नए सिलेबस के लिए टीचर्स की ट्रेनिंग शुरू हुई जो अब भी जारी है। इससे पहले बोर्ड एग्जाम के प्रेक्टिकल शुरू हो गए हैं। और खास बात ये है कि बोर्ड स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले स्टूडेंट्स की ट्रेंनिंग के लिए बजट भी नहीं मिला। ऐसे में उत्तराखंड बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम में पास करना बड़ा चैलेंज साबित हो रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो स्टूडेंट्स को नये सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करने के लिए मात्र 10 दिन का ही समय मिल पाया है।

प्रेक्टिकल हो चुके हैं शुरू

प्रदेश में पहली बार पूरी तरह से एनसीईआरटी का सिलेबस लागू होने के बाद पहली बार एग्जाम होने जा रहे हैं, लेकिन एग्जाम शुरू होने से ठीक पहले प्रदेश का शिक्षा महकमा जागा है और अब टीचर्स को नए सिलेबस की ट्रेनिंग दी जा रही है। इधर उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होकर 26 मार्च तक चलेंगी। जबकि प्रेक्टिकल एग्जाम 1 फरवरी से शुरू हो गए हैं जो 24 फरवरी तक चलने हैं। होम एग्जाम 16 फरवरी से शुरू होंगे। जो बोर्ड एग्जाम से पहले पूरे कराने हैं। ऐसे में एससीईआरटी द्वारा टीचर्स को दी जा रही ट्रेंनिग का फायदा इस सत्र में स्टूडेंट्स को नहीं मिलने वाला है।

पूरे साल रहा बुक्स का इंतजार

सितंबर अक्टूबर माह तक स्टूडेंट्स एनसीईआरटी बुक्स का इंतजार करते रहे। 1 से 15 जनवरी तक विंटर वेकेशन्स के कारण स्कूल बंद रहे। इसके बाद 16 जनवरी से 25 जनवरी फिर 28 जनवरी से 6 फरवरी तक टीचर्स को नए सिलेबस की ट्रेनिंग दी गई है। इसमें भी 26 हजार प्राइमरी और 10 हजार माध्यमिक टीचर्स को ट्रेंनिंग देने का बजट मिल पाया। बोर्ड एग्जाम की तैयारी कराने वाले टीचर्स को अब तक ट्रेंनिंग नहीं मिल पाई है। जिसके लिए बजट भी नहीं है। ऐसे में ये टीचर्स बिना ट्रेनिग के ही स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

एससीईआरटी की जिज्ञासा स्कीम फेल

बोर्ड स्टूडेंट्स को एग्जाम में आने वाली परेशानियां और उनके समाधान के लिए शिक्षा महकमे द्वारा तैयार की गई जिज्ञासा स्कीम फेल होती नजर आ रही है। जिस उद्देश्य से एससीईआरटी द्वारा बोर्ड स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन सिस्टम जिज्ञासा तैयार की गई थी, वह इंटरनेट पर सिर्फ कॉम्पीटिशन एग्जाम की जानकारी देने का जरिया बना हुआ है। इसमें कहीं भी स्टूडेंट्स की क्वेरी के लिए कोई ऑप्शन्स नहीं दिया गया है, जबकि इस स्कीम की थीम ही आप पूछे हम बताएं है।

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एनसीईआरटी के बदले सिलेबस को बताने और ट्रेंनिग देने के लिए शुरुआत में ही बजट का प्रस्ताव भेजा गया था, इस सत्र में देर से ट्रेंनिग शुरू हो पाई है। जिसका फायदा अगले सत्र में मिलेगा।

सीमा जौनसारी,

निदेशक, एससीईआरटी

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नए सिलेबस के हिसाब से स्टूडेंट्स को पढ़ाया गया है। बोर्ड के स्टूडेंट्स को नए पैटर्न के हिसाब से एग्जाम देना है। जिसके लिए टीचर्स अपने अनुभव के आधार पर पढ़ा रहे हैं।

राम लखन गैरोला, प्रिंसिपल, श्री लक्ष्मण विद्यालय इंटर कॉलेज