- 10:30 बजे पहुंचना था बरेली, लेकिन मौसम खराब होने से दोपहर 1:15 बजे पहुंचे सर्किट हाउस

- सभी लोकसभा बार ली पदाधिकारियों की बैठक, जातिगत आंकड़े और विकास पर की चर्चा

 

BAREILLY : बोर्ड परीक्षा नकल विहीन कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए 64 डिस्ट्रिक्ट में खुद जाकर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर चुका हूं। बरेली में भी जिला प्रशासन के साथ बैठक हो चुकी है, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक करनी है। नकल माफिया सरकार के टारगेट पर हैं। नकल कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नकल कराने वालों का ठिकाना अब जेल होगा। यह बात यूपी के डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने संडे दोपहर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

स्टूडेंट्स का भविष्य बर्बाद नहीं होने दूंगा
डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा संडे दोपहर 1:15 मिनट पर सर्किट हाउस पहुंचे। वहां पर सबसे पहले उन्होंने सलामी ली। बोर्ड परीक्षा नकलविहीन कराने के लिए सरकार की तैयारियों के सवाल पर कहा कि नकल माफिया टारगेट पर हैं। सरकार का उद्देश्य बोर्ड और विश्वविद्यालय की परीक्षाएं नकल विहीन कराने का है। किसी को भी विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद नहीं करने दिया जाएगा। नकल माफियाओं ने कोई भी हरकत की, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाओं को अनुमति नहीं देने के सवाल पर कहा कि अभी बंगाल के दौरे से लौटा हूं। वहां यह देखकर आक्रोश होता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक मुख्यमंत्री इतना हिटलरशाही हो सकता है। पुलिस का प्रयोग माफिया की तरह कर सकता है। निश्चित ही ममता बनर्जी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। लगता है वहां जल्द ही सत्ता परिवर्तन होगा। देश के बजट के सवाल पर कहा कि बजट में गरीब के रोजगार पर सरकार का ध्यान है। किसानों का भी ध्यान रखा है। टैक्स में छूट देकर मध्यम वर्ग को राहत दी है.

शिक्षा विभाग के अफसरों से बात तक नहीं
शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के साथ लोकसभा बार बैठक करने पहुंचे डिप्टी सीएम जिला प्रशासन और बरेली मंडल की सभी लोकसभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक लेकर ही चले गए। जबकि परीक्षा की तैयारियों और नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए टिप्स देने के लिए बुलाए शिक्षा विभाग के अफसरों से डिप्टी सीएम की बैठक तो दूर बात तक नहीं हो सकी। बाद में डिप्टी सीएम समय कम होने का हवाला देकर करीब साढे़ चार बजे लखनऊ के लिए रवाना हो गए। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी डिप्टी सीएम की बैठक में शामिल होने के लिए भी पहुंचे थे, लेकिन बैठक नहीं हो सकी.

ज्ञापन देने वाले भी मायूस
डिप्टी सीएम के आने की जानकारी मिलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, शिक्षक संघ, व्यापारी सहित दर्जन भर लोग समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे थे, लेकिन उनकी डिप्टी सीएम से मुलाकात तक नहीं हो सकी। इसी दौरान प्रदेश के पूर्व डीजीपी भी डिप्टी सीएम से मिलने के लिए पहुंचे। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सीएम मायावती दलितों की हितैषी नहीं है। इसीलिए दलित पूर्व सीएम के धोखे में न रहें। ज्ञापन देने पहुंचे कई लोग तो कार्यकर्ताओं को ही ज्ञापन देकर चले गए। हालांकि इस दौरान मेयर के साथ पहुंचे सभासदों और बीजेपी महानगर कमेटी का ज्ञापन डिप्टी सीएम ने जरूर ले लिया.

पार्षदों को भी चाहिए वेतन
डिप्टी सीएम को दिए ज्ञापन में पार्षदों ने मेयर के लिए पचास हजार रुपए सेलरी जबकि पार्षदों के लिए 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह सेलरी की मांग की है। वहीं बीजेपी महानगर कमेटी ने दिए ज्ञापन में मढ़ीनाथ एरिया में खाली पड़ी सरकारी जमीन पर डिग्री कॉलेज बनाए जाने की मांग की। हालांकि डिप्टी सीएम ने ज्ञापन लेने के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।