Lucknow: यूपी बोर्ड एग्जाम शुक्रवार से शुरु हो गए, पिछले साल की तरह इस बार भी स्टूडेंट्स के सामने एक ही प्राब्लम रही टाइम मैनेजमेंट की। उनको सवाल तो सारे आते थे लेकिन टाइम मैनेजमेंट में वह फेलहो गए। जिसकी वजह से काफी पेपर छूट गया। यही नहीं अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करना कुछ यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के मुसीबत साबित हुआ.
कई सेंटर पर इंगलिश मीडियम का पेपर नहीं पहुंच सका जिसकी वजह से बहुत से स्टूडेंट्स का पेपर खराब हो गया। इसकी शिकायत स्टूडेंट्स ने डीआईओएस से की है। वही कक्ष निरीक्षकों की कमी भी पहले दिन बोर्ड परीक्षा पर हावी रही। वही पहली पाली में गाडिय़ां नहीं मिल पाने की वजह से उडऩ दस्ता उडऩे के बजाए शिक्षा भवन में ही बैठा रहा। शाम की पाली में गाडिय़ां आने के बाद चेकिंग के लिए जा पाया.
टफ पेपर था
यूपी बोर्ड में शुक्रवार को हाईस्कूल का मैथ्स का पेपर था। क्योंकि अब दो पेपर की जगह एक ही पेपर होता है इसलिए इस बार भी पेपर स्टूडेंट्स की सोच से ज्यादा बड़ा आया था। स्टूडेंट्स ने बताया कि ज्योमेट्री को छोड़ कर बाकी का पेपर आसान था लेकिन पेपर उम्मीद से ज्यादा बड़ा था। इसके साथ ही कुछ पार्ट्स टफ भी आए थे।
इसलिए पेपर आते हुए भी उसे साल्व नहीं कर पाएं। वही सेकेंड पाली में इंटरमीडिएट फिजिक्स पेपर काफी अच्छा आया था। इंटर स्टूडेंट्स अभिषेक ने बताया कि पेपर में फस्र्ट और सेकेंड पार्ट काफी आसान आया था.
नकल का दौर भी जारी
बोर्ड परीक्षा शुरु होने के साथ ही नकल माफियाओं के कारनामें शुरु हो गए है। ग्रामीण इलाकों के कई एग्जाम सेंटर के तो बाकायदा नकल कराने के ठेके उठा लिए गए है और इस काम में लोकल पुलिस भी उनकी मदद कर रही है। माल इलाके में स्थित एक एग्जाम सेंटर पर जब मीडिया कर्मी पहुंचे तो उनको गेट पर खड़े पुलिस वालों ने रोक दिया.
बोर्ड पर्यवेक्षक के कहने के बाद भी पुलिस ने अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद सारी व्यवस्था अंदर सही कर ली गई तो पुलिस ने अपने आप सबको अंदर जाने की छूट दे दी.
हमारा तो करियर खराब कर दिया
सेंट जेवियर में पढऩे वाला हाईस्कूल का स्टूडेंट महताब टीचर्स के सामने रोता रहा कि वह हिन्दी में पेपर नहीं कर पाएगा लेकिन बजाए उसकी मदद करने के उल्टे टीचर्स ने उसको ही डांटना शुरु कर दिया। असल में महताब इंगलिश मीडियम का स्टूडेंट है उसने बोर्ड परीक्षा फार्म में भी इंगलिश पेपर को अपना आप्शन सिलेक्ट किया था। महताब का पेपर ज्योतिबा फुले स्कूल में पड़ा था.
जब वह सुबह मैथ्स का पेपर देने गया तो उसको इंगलिश बजाए हिन्दी का पेपर दे दिया गया। जब उसने आब्जेक्शन किया तो उसको डांटना शुरु कर दिया। आखिर में मजबूरी के चलते उसे हिन्दी में ही पेपर देना पड़ा। यह हाल सिर्फ एक स्कूल का नहीं रहा बल्कि लखनऊ मांटेसरी स्कूल में भी स्टूडेंट्स को इस प्राब्लम का सामना करना पड़ा.
यहां पर ललिता मांटेसरी स्कूल के बच्चों का सेंटर आया था। जब स्टूडेंट्स ने कक्ष निरीक्षक से इंगलिश का पेपर मांगा तो उनको डांट दिया गया। स्टूडेंट्स का कहना है कि इस वजह से वह अपना पेपर नहीं दे पाए है। यूपी बोर्ड की गलती की वजह से उनका करियर अंधेरे में चला गया है। यही नहीं शिया कॉलेज में इंगलिश का पेपर करीब पौन घंटा देरी से पहुंचा लेकिन पेपर उनसे टाइम पर छीन लिया गया। उनको पेपर सॉल्व करने के लिए एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं दिया गया। इसकी शिकायत स्टूडेंट्स डीआईओएस आफिस में की है.

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