-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर पढ़कर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी अंगों को सील कर जांच के लिए भेजा।

-मानव अंगों को नोच रहे थे कुत्ते और मौके पर जलता मिला मेडिकल वेस्ट

BAREILLY:

बरेली आखिर वही हुआ जिसकी आंशका दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जाहिर की थी। रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज की पार्किंग के ठीक पीछे मानव खोपड़ी मिलने की खबर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद जांच के लिए थर्सडे सुबह पहुंची पुलिस को मौके पर मानव शरीर के कई अंगों के सड़े गले कंकाल मिले। इनमें मानव खोपड़ी के अलावा एक पैर भी शामिल है। इनके अलावा भी कई तरह की हड्डियां व अन्य क्षत विक्षत अंग बरामद किए गए। इन सभी अंगों को कुत्तों ने नोंच रखा था। पुलिस ने खोपड़ी समेत सभी अंगों को सील कर पोस्टमार्टम व फोरेंसिक जांच लिए भेज दिया।

सुबह जब रुहेलखंड चौकी इंचार्ज सिद्धार्थ उपाध्याय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे तो कुछ देर बाद ही उन्हें मानव खोपड़ी मिल गई। कुछ कदम दूर नकटिया नदी की ढलान पर एक मानव पैर का कंकाल मिला। देखने पर तकरीबन स्पष्ट था कि इसके ऊपर के मांस को कुत्तों ने नोच रखा था। पुलिस टीम जैसे ही इसे बरामद करने नीचे उतरी तो करीब ही मानव अंगों की हड्डियों के बड़े-बड़े टुकड़े मिले। कुछ अंगों को कुत्ते अपने मुहं में दबाए भाग रहे थे।

पुलिस के पहुंचते ही रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी डॉ। मोहम्मद फैज सुरक्षा गा‌र्ड्स के साथ मौके पर पहुंच गए। वे लगातार अपने स्टैंड को बदलते रहे। पहले बोले यह सामान्य कचरा है। फिर बोले हो सकता है कि एनोटॉमी सीखने वाले छात्र यह हड्डी यहां छोड़ गए हों। इसके बाद उन्होंने कहा कि कचरा रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के परिसर में नहीं है। न ही मेडिकल कॉलेज का इससे कोई लेना देना है। हॉस्पिटल से निकलने वाला बायो वेस्ट इंसीनेटर में नष्ट करने के लिए रोजाना तय नियमों के अनुसार भेजा जाता है।

इसलिए गले नही उतरते मेडिकल कॉलेज के दावे

1. रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज की पार्किग मुख्य भवन के सामने सड़क पार ठीक नकटिया नदी के किनारे है। यहां हमेशा मेडिकल कॉलेज की बसें और निजी फोर व्हीलर पार्क रहते हैं। सातों दिन 24 घंटे यहां दो से तीन गार्ड तैनात रहते हैं। किसी को अगर उस जगह जाना हो जहां मानव खोपड़ी और अंग मिले हैं तो निश्चित तौर पर पार्किग से होकर जाना होगा। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का यह दावा कि मौके पर पड़ा मेडिकल वेस्ट उनका नहीं, आसानी से गले नहीं उतरता।

2. मौके पर मौजूद हॉस्पिटल वेस्ट व अन्य कचरा इतना ज्यादा है कि कोई भी अचानक इसे डाल कर नहीं जा सकता। साफ है यह कचरा महीनों से लगातार डाला जा रहा है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी डॉ। मोहम्मद फैज का यह दावा भी खारिज हो जाता है कि कचरा वहां कैसे मौजूद उन्हें पता नहीं।

गहराई हो छानबीन तो खुल सकते हैं कई कांड

नकटिया नदी के इस पूरे इलाके में जिस तरह मानवीय अवशेष मिले हैं, यदि इस इलाके की खुदाई करके गहराई से छानबीन की जाए तो कई बड़े कांड खुल सकते हैं। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मेडिकल वेस्ट के आड़ में कई जघन्य अपराध छुपा लिए गए हों।