"जरुरी नहीं कि हर रास्ते को मंजिल मिल जाए,

जरुरी यह है कि कदम तो बढ़ाया जाए"

इसी तर्ज पर शहर में रविवार को स्लटवॉक (बेशर्मी मोर्चा) निकाली गई। पिछले करीब 20 दिनों की कोशिशों के बाद एक मीडिया हाउस की पहल पर लखनवाइट्स के साथ कुछ विदेशी स्टूडेंट्स ने शामिल होकर लड़कियों के खिलाफ होने वाली छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज उठाई। वेव मॉल से करीब 4 बजे इस वॉक को फ्लैगऑफ किया बेटी फाउंडेशन और सेवा फाउंडेशन की फाउंडर सेहबा हुसैन ने। ढोल-नगाड़े के साथ और पुलिस सिक्यूरिटी के बीच से यह वॉक लोहिया पार्क पहुंची।

यंगिस्तान का जलवा

लड़कियों के साथ होने वाले क्राइम या फिर ईवटीजिंग को लेकर पहले भी कई बार आवाज उठाई गई है, लेकिन स्लटवॉक जैसे डेयरिंग कदम को उठाने के लिए कुछ यूथ ने इनीशिएटिव लिया था। स्लटवॉक के लगभग सारे आयोजक युवा हैं। आयोजक भावना कपूर और सिद्धार्थ शुक्ला का मानना है कि लड़कियां अगर शिकायत करना भी चाहती हैं तो डर और इज्जत के लिए चुप हो जाती हैं। इस वॉक का मकसद गल्र्स और ब्वायज दोनों को यही बताना है कि कोई आप पर अभद्र टिप्पणी करे तो चुप मत रहिए।

विरोध जताइये तभी ऐसी घटनाओं पर विराम लगेगा। वरना आपकी तरह दूसरी लड़कियां भी इनका शिकार बनती रहेंगी। शहर के कई नामी लोगों ने इस स्लटवॉक पर एतराज जताया, लेकिन इस पीढ़ी ने हार नहीं मानी। इसी मुहिम का नतीजा थी आज शहर में हुई यह वॉक जिसमें सर्विस करने वाले, बिजनेसमैन, सोशल एक्टविस्ट्स, कलाकारों के साथ कई कॉलजेज के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। न उनके पास कोई गम्भीर स्लोगन थे और न बड़े-बड़े नारे, कुछ था तो बस महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लडऩे का जज्बा।

एक दो तीन चार, बंद करो यह अत्याचार

ये वॉक लड़कियों की थी, लेकिन कई लड़के भी इसका हिस्सा बने। वो मानते हैं कि लड़कों को समझना चाहिए कि अगर वो थोड़ा सा सहयोग करें तो छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आ सकती है। कई नारों के बीच यह नारा जो पिछले कई दिनों से चल रहा है वो भी गूंजा। अन्ना के समर्थन में खड़े होने वाले युवाओं ने गल्र्स के सपोर्ट में अत्याचार के खिलाफ नारे लगाए। वंदे मातरम, भारत माता की जय सभी लोगों के साथ जब विदेशी स्टूडेंट्स ने भारत माता की जय की तो लोगों का जोश और भी दोगुना हो गया था। वहीं स्ट्रीट डांस ने आस-पास से गुजरने वालों को भी रुकने पर मजबूर कर दिया।

क्यों हुई शुरुआत

कनाडा की राजधानी टोरंटो में एक महिला के साथ बलात्कार होता है, घटना के बाद कमेंट आता है कि महिलाएं स्लट की तरह कपड़े पहनेंगी तो ऐसा ही होगा। इसके बाद कनाडा में इस कमेंट का विरोध दर्ज कराते हुए स्लट वॉक निकाली गई। इस तरह के कमेंट सिर्फ कनाडा में महिलाओं के साथ नहीं मिलते बल्कि हर जगह ऐसा ही है और यही वजह है कि भारत के कई शहरों में भी स्लटवॉक का आयोजन किया गया। भोपाल और दिल्ली के बाद आज लखनऊ भी इसका गवाह बना।