आसमान में उड़ेगा दबंग

बॅालीवुड में हमेशा हिट फिल्मों को दौर रहा है। चाहे वह अपने जमाने की सुपर डुपर ंिहट मूवी शोले रही हो, या फिर आज के जमाने की दंबग टू, सूट आउट एट वाडाला, खिलाड़ी 420, या फिर धूम 3. ऐसी कई मूवीज हैं जो दर्शकों के बीच लोकप्रियता के शिखर पर हैं। सिटी की मार्केट में ऐसी हिट मूवीज की पतंग की काफी डिमांड इस बार देखने को मिल रहीं है। लोग इन हिट मूवीज के नाम की पतंग को काफी पंसद कर रहे हैं।

पन्नी में रंगबिरंगी

इस बार मार्केट में पन्नी से बनी हुई पतंगों की काफी डिमांड है। लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं। बताया जाता है कि यह जल्दी खराब नहीं होती। आमतौर पर अगर बरसात के दिनों में पंतगबाजी हो रही है और अचानक बारिश शुरू हो जाए तो यह कागज की पतंग की तरह तुरंत फटती नहीं है। जबकि इसके मुकाबले में कागज से बनी पतंग की पतंगबाजों को काफी अधिक केयर करनी पड़ती है क्योंकि थोड़ा सा उसमे खरोच या फिर फटने के कारण वह आसमान की ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाती है। यही वजह है कि इसके कदरदान पन्नी से बनी पतंग की अधिक डिमांड कर रहे हैं।

30 से लेकर सात सौ तक  

पतंग के कारीगर रमजान बताते हैं कि सिटी में पतंग की मार्केट काफी पुरानी है। खास बात यह है कि जितनी पुरानी मार्केट उतने ही पुराने इस कला शौकीन भी हैं। कुछ साल पहले तक लोगों में कागज से बनी पतंग का क्रेज हुआ करता था, मगर जैसे-जैसे समय बदलता गया वैसे ही पतंग में भी बदलाव आया। वहीं इसका रेट भी काफी तेजी बढ़ा है। आज से करीब चार वर्ष पहले तक कागज से बनी पतंग की शुरुआती कीमत पांच से दस रुपए हुआ करती थी वहीं आज इसकी शुरुती कीमत तीस रुपए से अधिक है। जबकि इसकी अधिकतम कीमत मार्केट में सात सौ रुपए तक पहुंच गई है। पतंग की क्वालिटी के हिसाब से रेट निर्धारित किया जाता है।

मांझा धागे की बढ़ी डिमांड

पतंग एक ऐसा शौक है जिसके शौकीन आज भी हैं और पतंगों को हवाओं के जरिए आसमान की ऊंचाई तक ले जाने वाले कलाबाज भी हैं। इन कलाबाजियों को देख लोग हैरान रह जाते हैं। मगर सब कुछ डिपेंड करता है इसके मांझे के ऊपर कि वह कितना मजबूत है। जितना अधिक वह मजबूत होगा, उतना ही वह दूसरे की पंतग को काटने में असरदार होता है। हालांकि पिछले कुछ सालों तक चाइना के बने मांझे की काफी डिमांड हुआ करती थी मगर इसकी वजह से आए दिन हादसे होने के कारण गवर्नमेंट ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। यही वजह है कि अचानक इसकी मार्केट खत्म होने के कारण फिर धागे से बने मांझे की डिमांड बढ़ गई। इसकी शुरुआती कीमत चालीस रुपए से लेकर 120 रुपए प्रति रील तक है।