फैमली के साथ नई फिल्म

शहर के एक डॉक्टर बिजी शेड्यूल से बमुश्किल टाइम निकालकर वीकएंड पर फैमली के साथ नई फिल्म भाग मिल्खा भाग देखने गए। पर उन्हें फिल्म बहुत पसंद आई। घर में तो बच्चों ने नेट से डाउनलोड करके कई बार देखा। पर डॉक्टर साहब तब दंग रह गए जब उन्होंने देखा कि उनकी 7 साल की बेटी अपने टैबलेट पीसी पर मिल्खा सिंह को ट्रेन की छत पर दौड़ा रही हैदरअसल ये हाल में ही रिलीज हुआ वीडियोगेम था। मजेदार बात ये है कि शहर में इन दिनों फिल्मी एप्स और वीडियोगेम्स का क्रेज तेजी से बढ़ता जा रहा है। बॉलीवुड की हर नई रिलीज के साथ ही उसका वीडियोगेम प्ले स्टोर्स तक फ्री डाउनलोड के लिए पहुंच जाता है। हाल ये है कि इन फिल्मी गेम्स की पॉपुलेरिटी के आगे इस वक्त एंग्री बर्ड, टेंपल रन, डेथ रेस जैसे सुपर हिट गेम्स फीके पड़ चुके हैं। एक्सपट्र्स के मुताबिक बॉलीवुड खुद ही ऐसे एप्स और गेम्स को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए यूज कर रहा है।

सुपरमैन से मिल्खा तक

स्टार वॉर्स, स्पाइडर मैन, सुपरमैन के बाद अब  एंग्री बर्ड, टेंपल रन, रेसिंग मोटो, स्पीड कार, डेथ रेस जैसे गेम्स के कई वल्र्ड वाइड सुपर हिट वर्जंस के बाद अब इंडियन मूवीज पर भी गेम बनने लगे हैं। गूगल पर अगर सर्च करेंगे ‘वीडियो गेम्स बेस्ड ऑन ए मूवी’ तो इसके बजाए गूगल आपको दिखाएगा ‘मूवीज बेस्ड ऑन वीडियो गेम्स’। वो भी इसकी एक लंबी फेहरिस्त। ये अपने आप में अजीब है। ऐसा लगता है कि मूवीज अल्टीमेट मीडिया नहीं हैं, बल्कि अल्टीमेट मीडिया तो वीडियो गेम्स बन चुके हैं। गूगल सर्च आपको सैकड़ों ऐसी हॉलीवुड फिल्म्स की लिस्ट दिखाता है जो वीडियो गेम्स पर बनी हैं।

क्योंकि यहां सुपरहीरोज आपके इशारे पर चलते हंै

मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के हेड साइकियाट्रिस्ट डॉ। एलके सिंह कहते हैं पॉपुलेरिटी में गेम्स इसलिए आगे हैं क्योंकि ‘वीडियो गेम्स में आप फिल्म जैसे, या उससे भी पावरफुल सुपरहीरोज और पूरे एनवॉयरमेंट को खुद अपने हिसाब से कंट्रोल या स्टीयर कर सकते हैं। यही इंटरएक्टिविटी ही तो वीडियोगेम्स को फिल्म से भी ज्यादा मजेदार बनाती है’

बॉलीवुड ने उठाया क्रेज का फायदा

गेमिंग प्रोग्रामर और सिटी के एक इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के टीचर अमन शर्मा कहते हैं कि हॉलीवुड में ये ट्रेंड स्टार्ट हुआ था। वो कुछ हिट गेम्स पर आधारित फिल्में बनाने लगे। और ये अभी तक बन रही हैं। रीसेंट एग्जामपल है ‘प्रिंस ऑफ पर्शिया’। पर अब यूथ में गेमिंग का फीवर देखकर और स्मार्टफोन की ‘स्मार्टनेस’ का फायदा उठाकर इंडियन फिल्म इंडस्ट्री ने अपनी फिल्मों की पॉपुलेरिटी बढ़ाने के लिए यूज करना शुरू किया है। फ्री गेम्स को एप्स के रूप में एंड्रॉइड और विंडोज प्लेटफाम्र्स के लिए रिलीज कर रही है। बॉलीवुड तो जमकर ये काम कर रहा है। अग्निपथ, हिम्मतवाला, रा-वन, भाग मिल्खा भागऔर अब तो चेन्नई एक्सप्रेस फिल्म के रिलीज होने के पहले ही इसी नाम से इंडिया गेम्स कंपनी ने ‘आरकेड एंड एक्शन कैटेगरी’ वाला गेम रिलीज कर डाला।

अश्लील गेम्स से बचाओ!

कई वर्गों में गेम्स आ रहे हैं। हॉट फेवरेट हीरो-हीरोइंस पर आधारित गेम्स भी एप्स के फार्म में अवेलेबिल हैं। जैसे कि ऑनलाइन ही खेले जाने वाले सलमांस काइट फ्लाइट, बिपाशा बीच ब्लेज आदि। पर इनमें से कई गेम्स ऐसे हैं जो शायद टीनेजर्स के लिए अवेलेबिल नहीं होने चाहिएजैसे कि पप्पू पिचकारी, बिकिनी बाउंस वगैरह। पर इसपर कोई चेक नहीं।

‘कम से कम एक बार ट्राई तो बनता है’

"मेल इनबॉक्स में तो वैसे ही फिल्म रिलीज के पहले ही गेम रिलीज होने की इनफो आ जाती है। गेम एप को डाउनलोड करके सारे फ्रेंड्स के साथ कम से कम गेम को चेक तो करते ही हैं."

-मोहित

 "लैपी पर या सिनेमा हॉल में कोई मूवी देखने के बाद अब तो जब तक उसका गेम भी नहीं खेल लें, मजा नहीं आता। इस टाइम चेन्नई एक्सप्रेस और भाग मिल्खा भाग गेम्स वाकई सबसे मजेदार मिले हैं."

-आशुतोष

"न्यू रिलीजिज के प्रोमोज यू-ट्यूब या किसी साइट पर देखते ही उस मूवी के गेम्स का एप डाउनलोड का लिंक भी खुद मिल जाता है। ज्यादा ढूंढना नहीं पड़ता."

-आयुष

"मुझे तो सबसे ज्यादा मजा इसी में आता है कि मूवी में देखे अपने फेवरेट हीरो को मैं उसी गेम में खुद अपने एकॉर्डिंग कंट्रोल कर सकता हूं। अब फॉर एग्जामपल मिल्खा को ट्रेन की बोगी पर दौड़ाऊं या फिर रेसिंग ट्रैक पर, ये मेरी मर्जी."

-प्रिया

"वी एंज्वॉय इट वैरी मचकितना एक्साईटिंग है ‘हिम्मतवाला’ गेम में अजय देवगन को अपनी फिंगर टिप्स पर एक्टिविटी करवाना। जैसी चाहे फाइट करवाओ, जैसा चाहे एनवायरमेंट एडॉप्ट करो."

-अनमोल