वे हाल ही में लखनऊ स्थित अपने घर आए थे। जहां उन्होंने आईनेक्स्ट से अपनी बात शेयर की। सोहा अली खान, शाहिद, साइनी जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों को उन्होंने ट्रेंड किया है। इस समय वह हेमा मालिनी की बेटी सहित कई अन्य कलाकारों को ट्रेंड कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले यह सोचें कि उन्हें एचीव क्या करना है। फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले ट्रेनिंग लें और पैरेंट्स से इजाजत लेकर ही आएं। ज्योति कहते हैं कि एक्टिंग में बहुत स्कोप है। नए नए चैनल लांच हो रहे हैं जिनमें यंग कलाकारों को वरीयता दी जाती है। सभी बड़े सीरियल्स में लीड कैरेक्टर ज्यादातर फ्रेशर्स ही लिए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी यहां के युवाओं को असफलता का सामना करना पड़ता है।

इसका मेन रीजन है कि इन लोगों को फिल्म इंडस्ट्री और एक्टिंग की नॉलेज ही नहीं होती है। उन्हें कहीं ट्रेनिंग नहीं दी जाती। वह तुरंत बड़ी फिल्में करने की उम्मीद करने लगते हैं जो कि गलत है। ज्योति कहते हैं कि कोई किरदार बड़ा या छोटा नहीं होता इसलिए जो काम मिले उसे करना चाहिए। वह कहते हैं कि पहले ट्रेनिंग और जानकारी हासिल करें उसके बाद इस फील्ड में आगे बढ़ें सफलता जरूर मिलेगी। लेकिन जिनके पास नॉलेज नहीं है उनके लिए यह इंडस्ट्री नहीं है। ज्योति कहते हैं कि अल्लाह सबकी मदद करता है। आपकी मेहनत बेकार नहीं जाती। आप सिर्फ अर्जुन की तरह चिडिय़ा की आंख पर ही ध्यान दें। काम कम करें लेकिन इज्जत और ईमानदारी से करें आपको सफलता जरूर मिलेगी।

Dream city Mumbai

ज्योति देब कहते हैं कि कई बार ऐसे लड़के लड़कियां पहुंचते हैं जो एक्टिंग के लायक ही नहीं होते। वे किसी भी प्रकार से रोल पा लेना चाहते हैं। लड़कियां इसके लिए किसी भी हद तक जाने को आसानी से तैयार हो जाती हैं। मुम्बई पहुंचने वाले ये यंगस्टर्स सबसे पहले अपनी पहचान ही खो देते हैं। और मुम्बई की चकाचौंध में खो जाते हैं। वह दूसरे कलाकारों को कॉपी करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि वे इससे अच्छे दिखते हैं लेकिन प्रोड्यूसर की नजर में वह पहले ही फेल हो जाते हैं। उन्हें अपनी जमीन अपनी पहचान नहीं खोनी चाहिए।

आदर्श नगर एक ऐसी जगह है जहां दिन भर में ही फिल्म बनकर तैयार होकर रिलीज भी हो जाती है और सुपरहिट भी। वहां बरिस्ता में डेली फिल्में बनती हैं लेकिन सिर्फ सपनों में हकीकत में कुछ नही होता। स्टेशन पर उतरते ही वहां के दलाल इन्हें पहचान लेते हैं और फिर ये बर्बाद होकर ही वापस लौटते हैं।

Girls होती हैं Casting Couch का शिकार

ज्योति देब कहते हैं कि जानकारी के अभाव में लड़कियां अक्सर शोषण का शिकार हो जाती हैं। अक्सर इसमें काम पाने के चक्कर होता है। कई बार वे जिस काम के लिए इंडस्ट्री में पहुंचती हैं उससे भटक जाती हैं। लोग काम दिलाने के बहाने या कुछ और समझाकर उनका इस्तेमाल करते हैं। वे कास्टिंग कॉउच का शिकार हो जाती हैं। हाल ही में एक लड़की मेरे पास ट्रेनिंग कर रही थी। साथ ही वह एक सीरियल में लीड रोल भी कर रही थी। उसने वहीं एक लड़के से शादी कर ली। लेकिन लड़के ने कुछ समय बाद ही उसे डाइवोर्स दे दिया। इसलिए गल्र्स को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है।