2005 कांड के आरोपी

2005 में संत ज्ञानेश्वर समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. सोनू सिंह और संत ज्ञानेश्वर के बीच बाराबंकी के एक आश्रम को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हमले के कई मुकदमें दर्ज हैं. पुलिस ने पहले इसे पूर्वांचल के माफिया ताकतों की साजिश बताया था. बाद में संत के शिष्यों ने सोनू और मोनू सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सोनू सुल्तानपुर से विधायक रह चुके हैं, जबकि मोनू पूर्व ब्लॉक प्रमुख है. संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में दोनों भाई को पेशी के लिये लाया गया था.

पहले भी हो चुके कोर्ट में ब्लॉस्ट

23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, वाराणसी और लखनऊ की कोर्ट मे बम धमाके हुये थे. इनमें 14 लोगों की मौत हो गई थी तथा 50 से अधिक लोग घायल हुये थे. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पिछले साल 18 मई को बम ब्लॉस्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की फैजाबाद कोर्ट मे पेशी से लौटने के दौरान रास्ते में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. नवंबर 2008 को लखनऊ की दीवानी कचहरी मे दो दिन लगातार बम धमाके हुये थे. ये धमाके कचहरी के शौचालय में हुये थे. आतंकी हमले के ठीक एक साल बाद हुये इस बम धमाके से सनसनी फैल गई थी.

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