अरविंद जी ने प्लांट किया था बम
मिलिट्री कमीशन के शीर्षस्थ नेताओं ने अरविंद जी उर्फ देवकुमार सिंह को बम प्लांट करने का जिम्मा दिया था. अनूप ने बताया कि अरविंद उर्फ देवकुमार सिंह झारखंड और पश्चिम बंगाल में पीपुल्स लिब्रेशन गुरिल्ला आर्मी संगठन का नेतृत्वकर्ता है.अरविंद  बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में 700 गुरिल्ला दस्तों को ट्रेनिंग देने का काम करते हैं.

ऐसे किया था बम प्लांट
अनूप ने पुलिस को बताया कि उसको पता था कि सीआरपीएफ के जवान काम्बिंग ऑपरेशन में निकले हैं. घटना को अंजाम देने के लिए चार से पांच टीम अलग-अलग दूरी पर बनी हुई थी. उन लोगों ने पहले जवानों को बारूदी सुरंग विस्फोट में उड़ाया. इसमें दस से 12 जवानों की मौत हुई थी और कुछ जवान जख्मी हो गए थे. उन्हें गोली लगी थी. उन्हीं में से एक जवान बाबूलाल पटेल था. जख्मी जवानों को वे लोग कंधे पर उठाकर कुछ दूर ले गए थे. पहले एक जवान का गला काटा गया, फिर उसके पेट को चाकू से काट कर उसमें से अंदर का पार्ट पूरी तरह निकाला गया, ताकि आईईडी(इंप्रोसिव एक्सप्लोसिव डिवाइस) को फिट किया जा सके.

खुफिया रिपोर्ट की हुई पुष्टि
इलाहाबाद के नवाबगंज के रहनेवाले सीआरपीएफ जवान बाबूलाल पटेल के पेट के अंदर बम प्लांट करने की प्लानिंग की इनफॉरमेशन खुफिया विभाग ने पहले ही दे दी थी. इस संबंध में सेंट्रल गवर्नमेंट को भी लेटर भेजा गया था. लेकिन इस मामले में गंभीरता नहीं बरती गई, जिससे नक्सली कुछ हद तक अपने मकसद में सफल भी रहे.

टीवी से चिपके रहे थे नक्सली  
अनूप ने बताया कि नक्सलियों का जवान के पेट में बम प्लांट करने के पीछे मकसद ये था कि जब जवान साथी के शव को लेकर हेलीकॉप्टर में जाएं, तो बम विस्फोट हो जाए और जवान घायल हो जाएं. लेकिन तकनीकी कारणों के चलते बम विस्फोट नहीं हो पाया था. उस दिन नक्सलियों के शीर्षस्थ नेता टीवी से चिपके हुए थे. वे लोग सूचना की प्रतीक्षा कर रहे थे. जब रिम्स में बम पकड़ा गया, तो वे लोग सचेत हो गए थे. उसके बाद आगे की प्लानिंग पर स्टे लगा दिया गया.