पटना पुलिस की सूचना पर रांची पुलिस ने रविवार देर रात धुर्वा थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध के ठिकाने पर छापा मारा.

उत्तरी छोटानागपुर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक एमएस भाटिया ने छापे की पुष्टि की है.

उन्होंने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति के ठिकाने से एक प्रेशर कुकर में रखा ब्लैक पाउडर और कुछ धार्मिक साहित्य मिले हैं. उन्होंने बताया कि जांच के बाद ही पता चलेगा कि वे किस क़िस्म के पाउडर हैं.

हालांकि उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि बरामद पाउडर  विस्फोटक में इस्तेमाल करने वाले हो सकते हैं.

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि रांची से फ़िलहाल किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. छापे के बाद तहक़ीक़ात देर तक जारी थी.

"संदिग्ध व्यक्ति के ठिकाने से एक प्रेशर कुकर में रखा ब्लैक पाउडर और कुछ धार्मिक साहित्य मिले हैं. जांच के बाद ही पता चलेगा कि वे किस क़िस्म के पाउडर हैं."

-छोटानागपुर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक एमएस भाटिया

उन्होंने पुलिस जांच के कारण फ़िलहाल संदिग्ध के नाम का ख़ुलासा करने से मना कर दिया.

इस बीच हटिया की डीएसपी निशा मुर्मू ने बताया है कि धुर्वा थाना क्षेत्र के एथाकोचा गांव में संदिग्ध के ठिकाने पर मारे गए छापे में डेटोनेटर, सीडी, धार्मिक साहित्य, तस्वीरें, तार, हथौड़ी, केरोसिन तेल, विस्फोटक में इस्तेमाल करने वाले फ्यूज़ वग़ैरह मिले हैं.

उन्होंने बताया कि आला अफ़सरों से जैसे-जैसे सूचनाएं मिल रही है, उसी दिशा में कार्रवाई चल रही है.

रांची के सिटी एसपी मनोज रतन चोथे के मुताबिक़ धार्मिक साहित्यों के बारे में आगे की जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने भी कहा कि पटना पुलिस की सूचना पर यह कार्रवाई की गई है.

पटना में धमाके: रांची में पुलिस के छापे

ग़ौरतलब है कि रविवार को पटना में भारतीय जनता पार्टी की हुंकार रैली से ठीक पहले छह धमाके हुए जिनमें पांच लोग मारे गए और 83  घायल हो गए.

घायलों को पटना के पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें कई लोगों को मामूली इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

'माहौल बिगाड़ने की कोशिश'

इससे पहले धमाकों के बाद पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "पुलिस मामले की जाँच कर रही है. हम कोई कसर नहीं छोड़ेगें. लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. ख़ासकर ऐसी तारीख़ पर जब पटना में एक बड़ी रैली होनी थी. ये चिंता का विषय है कि बिहार में ऐसा हुआ.''

मुख्यमंत्री का कहना था, "जब पहला धमाका हुआ था तो एक व्यक्ति को भागते हुए देखा गया था जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उनके पास से कुछ सुराग़ मिले हैं, कुछ टेलीफ़ोन नंबर भी मिले हैं. रैली से एक दिन पहले एक सूटकेस गांधी मैदान से मिला था लेकिन उसमें कुछ भी नहीं मिला था."

नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी घटना देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है, इसलिए सबको एक जुट होकर रहना चाहिए.

पटना में धमाके: रांची में पुलिस के छापे

उन्होंने सबसे शांति की अपील की है. राज्य सरकार की तरफ़ से धमाके में मारे गए लोगों के परिजनों में से प्रत्येक को पाँच लाख रुपए का मुआवज़ा दिए जाने की भी घोषणा की गई.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने धमाकों की निंदा करते हुए कहा कि एनएसजी और एनआईए की टीम भेजी जा रही है.

'राजनीति न करने की अपील'

आरपीएन सिंह ने राजनीतिक पार्टियों से इस पर राजनीति न करने की अपील की.

"पुलिस मामले की जाँच कर रही है. हम कोई कसर नहीं छोड़ेगें. लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. ख़ासकर ऐसी तारीख़ पर जब पटना में एक बड़ी रैली होनी थी. ये चिंता का विषय है कि बिहार में ऐसा हुआ."

-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फ़ोन पर बात की और उनसे कहा है कि धमाकों की जल्द जाँच की जाए.समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ भाजपा ने कहा कि उसके समर्थक इन धमाकों से डरने वाले नहीं है.

धमाकों के बाद रैली में अफ़रा तफ़री फैली लेकिन नरेन्द्र  मोदी ने तयशुदा कार्यक्रम के तहत भाषण दिया. भाषण के पहले आधे घंटे में मोदी ने धमाकों का ज़िक्र तक नहीं किया. अंत में उन्होंने कहा कि सब शांति से घर जाएँ और सुरक्षित रहें.

बाद में टविटर पर उन्होंने लिखा, "पटना में हुए धमाके बेहद दुखदायी और दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मृतकों के परिवारों के साथ हमारी सहानुभूति है. मैं सबसे शांति की अपील करता हूँ."

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