नहीं दिखता इंडिकेशन बोर्ड

शहर के तमाम इलाके ऐसे देखने को मिल जाएंगे जहां लोगों ने अपनी मर्जी से ही स्पीड ब्रेकर बना रखे हैंकई इलाकों में तो लोगों ने अपने घर के सामने ही मनमाने ढंग से स्पीड ब्रेकर बनवा दिए हैंउन्हें इस बात से भी मतलब नहीं है कि वहां हॉस्पिटल है या इस रोड से तेज स्पीड में गाडिय़ां निकलती हैंभले ही इनसे गिरकर लोग चोटिल हो जाएं या फिर उनकी जान चली जाएइतना ही नहीं इन स्पीड ब्रेकर्स के पहले लगाया जाने वाला इंडीकेशन बोर्ड भी कहीं दिखाई नहीं पड़ता है

खुद ही बनवा लिए स्पीड ब्रेकर्स

राजधानी का वीआईपी इलाका गोमतीनगर हो या फिर पुराना लखनऊ, यहां पर लोगों ने अपने घरों के सामने अपनी मर्जी से ही स्पीड ब्रेकर्स बनवा लिए हैंये स्पीड ब्रेकर्स जानलेवा बने हैंगोमतीनगर के विशाल खंड में रहने वाले रवि वर्मा ने बताया कि यहां पर लोगों ने अपने घरों के सामने मनमर्जी तरीके से स्पीड ब्रेकर बनवा रखे हैंइनसे आए दिन दुर्घटना होती हैवहीं, पुराने लखनऊ के राजेंद्र्र नगर इलाके में जगह-जगह स्पीड ब्रेकर बने हुए हैंकई डॉक्टर्स ने बताया कि इसका असर लोगों की बॉडी पर भी पड़ता हैकई बार स्पीड ब्रेकर का झटका अचानक लगने पर बैक बोन में भी परेशानी होती है

क्या कहते हैं अधिकारी

जो विभाग जिस रोड की देखभाल कर रहा है, यह उसी की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने यहां अवैध स्पीड ब्रेकर्स के निर्माण को रोकेवह उन्हें तुरंत हटा सकता हैअवैध स्पीड ब्रेकर्स के खिलाफ लोग शिकायत कर सकते हैं.

-बीआर अम्बेडकर

चीफ इंजीनियर, नगर निगम

सभी परेशान

अवैध स्पीड ब्रेकर्स से पुलिस और हॉस्पिटल समेत तमाम डिपार्टमेंट के लोग परेशान हैंपुलिस में तैनात लोगों की मानें तो अब राजधानी के विभिन्न इलाकों में ब्रेकर्स बन चुके हैंऐसे में सड़क पर सन्नाटा होने पर भी हम लोग गाड़ी तेज नहीं चला सकतेवहीं हॉस्पिटल में एम्बुलेंस चालकों की मानें तो हम इस बात का ध्यान रखते हैं पेशेंट को ज्यादा झटके न लगेंलेकिन, रात में तो तमाम ब्रेकर्स दिखाई ही नहीं देतेइसका खामियाजा भी मरीज को भुगतना पड़ता है

क्या है नियम

- स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई दस सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए.

- स्पीड ब्रेकर की चौड़ाई 3.5 मीटर होनी चाहिए

- वृत्ताकार क्षेत्र यानी कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए.

- ड्राइवर को एलर्ट करने के लिए 40 मीटर पहले इंडिकेशन बोर्ड लगा होना चाहिए.

- स्पीड ब्रेकर में थर्मा प्लास्ट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, जिससे रात में वह दूर से नजर आ जाए.

- स्पीड ब्रेकर लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) आवेदन करना चाहिए.

स्पीड ब्रेकर्स ले सकते हैं जान

डॉक्टर्स के मुताबिक स्पीड ब्रेकर से पेशेंट्स की जान भी जा सकती हैकई बार प्लास्टिक वाले या ऊंचे स्पीड ब्रेकर में बाइक सवार गिर जाते हैंइस कारण उन्हें हेड इंजरी हो जाती हैइसके साथ ही रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से दर्द की समस्या हो जाती हैअधिक चोट लगने पर पैराप्लीजिया और क्वाड्रीप्लीजिया की भी समस्या हो सकती हैपैराप्लीजिया में कमर से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता और क्वाड्रीप्लीजिया में सिर के अलावा पूरे शरीर पर नियंत्रण खो जाता है

डॉआशीष, केजीएमयू