- एक से 11 अक्टूबर तक मोती महल लॉन में चलेगा पुस्तक मेला

- पाठकों के लिए उपलब्ध होंगी सैकड़ों प्रकाशकों की किताबें

LUCKNOW: एक अक्टूबर से शुरू होने जा रहे 13 वें राष्ट्रीय पुस्तक मेला इस बार पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम व संविधान के नाम पर समर्पित होगा। प्रकाशकों की उम्मीद है कि उनकी लिखी किताबों और उनकी सादगी व महान विचारों से जुड़े संस्करणों को पढ़ने के लिए सुधी पाठकों को रेला जरूर उमड़ेगा। मेला एक से 11 अक्टूबर तक चलेगा। यहां पर लखनवी साहित्य प्रेमियों को सैकड़ों प्रकाशकों की लाखों के पुस्तकों के बीच सर्वश्रेष्ठ साहित्य चुनने की आजादी होगी।

राज्यपाल करेंगे उद्घाटन

फेडरेशन ऑफ पब्लिशन एडं बुक सेलर एसोसिएशन इन इंडिया की ओर से मोती महल लॉन में आयोजित होने वाले इस 11 दिवसीय पुस्तक मेले का उद्घाटन राज्यपाल राम नाईक करेंगे। पुस्तक मेले में 180 स्टॉल होंगे। इसमें पाठकों को प्रकाशकों की ओर से दस प्रतिशत की छूट पुस्तकों पर दी जाएगी। मेले में पढ़ाई से संबंधित सामग्री भी पाठक खरीद सकेंगे। पुस्तक मेले में पुरानी पुस्तकों की बिक्री के लिए 13 स्टॉल होंगे। पुस्तक मेले में अब की बार तमिलनाडू, अहमदाबाद, पुणे और मुम्बई से भी प्रकाशक आ रहे हैं।

छह चरणों में होगा कार्यक्रम

राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अभी तक लेखक से मिलिए कार्यक्रम दो चरणों में होते थे। इसा साल से इसे बढ़ाकर छह चरणों में कर दिया गया है। इसमें न सिर्फ अपने शहर के बल्कि अन्य राज्यों से आए लेखकों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा पुस्तक मेले में आयोजकों की ओर से लखनऊ के एक साहित्यकार को साहित्य शिरोमणि सम्मान भी दिया जाएगा। यह सम्मान पांच अक्टूबर की शाम को दिया जाएगा। राष्ट्रीय पुस्तक मेले में इस साल अंग्रेजी के लेखक भी अपने विचारों के साथ पाठकों से मिलेंगे और उनके सवालों का जवाब देंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय पुस्तक मेले में मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया है। पाठकों के लिए विविध प्रतियोगिताएं होंगी। यह बच्चों से लेकर बड़ो तक के लिए होगी। प्रतियोगिताओं में नृत्य, गायन के साथ ही चित्रकला, निबंध लेखन आदि प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।