- एमए एमआईएच की स्टूडेंट गुलशनजहां को मिले 5 गोल्ड मेडल

- फैमिली प्रॉ4लम के बाद टूट चुकी गुलशन ने किताबों की दुनियां में तलाशी जिंदगी

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LUCKNOW: हर लड़की की तरह गुलशनजहां ने 5ाी शादी के समय ला2ाों सपने दे2ो थे लेकिन उसे मालूम नहीं था कि जहां उसकी शादी हो रही है, वहां उसे प्यार नहीं मिलेगा। शादी के कुछ दिनों बाद ही उसका तलाक हो गया। तलाक से टूट चुकी गुलशन बीमार पड़ गई। कुछ दिनों बाद फैमली सपोर्ट और टीचर्स की सलाह के बाद उसने 2ाुद अपने पैरों पर 2ाड़े होने का निश्चय किया और एलयू में एडमिशन लेकर एमए एमआईएच की पढ़ाई शुरू की। किताबों में ही उसने नई जिंदगी तलाशी और दि2ा दिया कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा है तो मंजिल मुश्किल नहीं रह जाती।

नेट की तैयारी में जुटी है गुलशन

हालात से टूट चुकी गुलशनजहां ने 2ाुद को किताबों के सागर में डुबो लिया। स4जे1ट की हर चीज का बारीकी से अध्ययन किया और एलयू दीक्षांत समारोह में पांच गोल्ड मेडल हासिल किए। मडि़यांव निवासी गुलशन ने बताया कि वे फिलहाल नेट की तैयारी कर रही हैं। वे टीचर बनकर लड़कियों को पढ़ाना चाहती हैं, ताकि वे अपने पैरों पर 2ाड़ी हो सकें।

मां-बाप का सहारा बनना है

गुलशनजहां ने बताया कि उनके पिता बर्तन व्यापारी हैं। शादी के समय ही ससुराल पक्ष से पैसों की डिमांड की गई थी, जब उनकी डिमांड पूरी नहीं हुई तो उन्होंने मुझे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। यह पूरा मामला तलाक के साथ 2ात्म हुआ। अब मैं अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में कुछ 5ाी याद नहीं र2ाना चाहती। अब मेरा सपना है कि मैं अपने पैरों पर 2ाड़े होकर मां-बाप का सहारा बनूं।

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मां ने चूमा बिटिया का माथा

दीक्षांत में मडि़यांव निवासी गुलशनजहां अपनी मां अनवर जहां के साथ आई थीं। जैसे ही गुलशन गवर्नर राम नाईक और होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के हाथों से मेडल लेकर मंच से नीचे उतरीं, मां अनवर जहां ने शाल से अपने आंसुओं को पोछते हुए बिटिया का माथा चूम लिया और कहा, 'हमार बिटिया नाम कहि दिहिस'।