डेढ़ दर्जन आवेदकों में किसी को नही मिला लोन

बजट में सरकार एंजेल टैक्स में राहत देने की कही बात

vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: स्टार्ट अप केवल फाइलों में है। इसकी हकीकत की जमीन लापता है। शहर में डेढ़ दर्जन आवेदकों में से किसी को भी लोन नही मिला है। ऐसे में नाउम्मीद हो चुके लोगों को बजट में सरकार की एनाउंसमेंट से थोड़ी सी उम्मीद जगी है। जिसमें कहा गया है कि स्टार्ट अप में आवेदकों को अब एंजेल टैक्स से राहत मिलेगी। अभी तक स्टार्ट अप्स के लिए यह टैक्स तरक्की के रास्ते में बड़ा रोड़ा बना हुआ था।

अब तक लागू थी यह व्यवस्था

अभी तक स्टार्ट अप्स ऋण अदायगी की दोहरी मार से परेशान थे।

स्टार्ट अप को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए इनवेस्टर्स के दरवाजे पर दस्तक देता था।

इनवेस्टर किसी एंजेल की तरह उसे रकम प्रोवाइड कराता था।

स्टार्ट अप की हेल्प का दावा करने वाली सरकार मिली हुई रकम पर इनकम टैक्स वसूलती थी।

इनवेस्टर रकम के बदले स्टार्ट अप से प्राफिट में अपना हिस्सा वसूलता था।

पैसे की तलाश में भटक रहे

तीन सालों में कुल 18 स्टार्ट अप ने उद्योग विभाग और सिडबी से लोन के लिए आवेदन किया

इस पर उन्हें अब भी रिस्पांस का इंतजार है।

उन्होंने अपने प्रोडक्ट की पूरी डिटेल ऑनलाइन सरकार को भेजी इसका भी रिस्पांस नहीं मिला

स्टार्ट अप अब लोन की तलाश में भटक रहे हैं

इनवेस्टर्स भी उनको भाव नही दे रहे हैं।

बदले में इंवेस्टर्स कंपनी के शेयर में हिस्सेदारी चाहते हैं

इंस्वेस्टर्स की यह मांग पूरी स्टार्ट अप के लिए मुश्किल है क्योंकि इससे उन्हें बिजनसे पर से होल्ड समाप्त हो जाने का खतरा है

आइडियाज शेयर करने से बचते हैं

स्टार्ट अप में आवेदक का प्रोडक्ट और उसका आइडिया एकदम यूनिक होना चाहिए। यह इस योजना की शर्त में शामिल है। इनवेस्टर्स किसी शार्क की तरह स्टार्ट अप का पूरा आइडिया कैप्चर करने की कोशिश करते हैं। इस कारण से भी नए बिजनेसमैन को इंवेस्टमेंट नहीं मिल पाता और वे आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

स्टार्ट अप के लिए 18 ने आवेदन किया है। किसी एक को भी लोन उपलब्ध नही हो सका है। इन्होंने सिडबी के पास भी अप्लाई किया हुआ है। हमारी ओर से उनको आर्थिक मदद दिलाने के प्रयास चल रहे हैं।

अशोक चौरसिया,

उप महाप्रबधक, उद्योग विभाग प्रयागराज

एंजेल टैक्स से तो सरकार बचा रही है लेकिन स्टार्ट अप को लोन प्रोवाइड कराने की दिशा में कदम नही उठाए जा रहे हैं। बजट में स्टार्ट अप पर चैनल शुरू करने की बात कही गई है। यह आसान नही होगा। बिना किसी हेल्प प्रोग्राम बनाना हमारे लिए मुश्किल है।

अनिरुद्ध सिंह,

स्टार्ट अप आवेदक