-मेरठ में विभिन्न विधानसभाओं में 186 वोट थर्ड जेंडर के

-आयोग के निर्देश नहीं आए काम, उपेक्षा से सिमटा जीवन

मेरठ: रौनकपुरा, मेरठ के इतिहास के साथ ही जुड़ा है इन संकरी गलियों का नाम। यहां मेरठ के सर्वाधिक थर्ड जेंडर (किन्नर) रहते हैं। कभी रौनक थी इस क्षेत्र में आज बदहाल है, नाले में उठ रही सडांध से लोगों को जीना दूभर है तो नाले से गंदगी उफना रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने मंगलवार यहां दौरा किया। इस पड़ताल की आवश्यकता एक चौंकाने वाले आंकड़े के चलते पड़ी। मेरठ में विधानसभा चुनाव के दौरान महज 6 फीसदी थर्ड जेंडर ने वोट किया। इनके बीच यह जानने का प्रयास किया कि तो निकलकर आया कि व्यवस्था से नाराज हैं, ये लोग। अपने लिए हक और अधिकार की मांग कर रहे हैं तो कई प्रतिनिधित्व में साझेदारी मांग रहे हैं।

यहां नहीं पहुंचा 'स्वीप'

मतदाताओं को वोटिंग के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित गतिविधियां यहां तक नहीं पहुंचती। रौनकपुरा के लोगों को बस इतना ही मालूम है कि वोट परची मिलेगी तो वोट डाल देंगे। मतदान प्रतिशत की बढोत्तरी की बाट जोह रहे सिस्टम के लिए यह तंग गलियों की गुमनामी नजीर हो सकती है। विधानसभा चुनाव हो गया, ज्यादातर का वोट नहीं और आजतक कोई वोट बनाने के लिए पहुंचा भी नहीं। जनप्रतिनिधियों के प्रति खासा आक्रोश है, इन किन्नरों में।

थर्ड जेंडर की वोटिंग

विधानसभा - वोट - वोटिंग - प्रतिशत

सिवालखास - 11 - 0 - 0

सरधना - 47 - 6 - 12.76

हस्तिनापुर - 12 - 1 - 8.33

किठौर - 24 - 1 - 4.16

मेरठ कैंट - 49 - 3 - 6.38

मेरठ शहर - 22 - 0 - 0

मेरठ दक्षिण - 21 - 1 - 4.76

कुल - 186 - 12 - 6.45

अव्यवस्थाओं ने किया मोहभंग

बधाई गा-बजाकर जीवन यापन कर रहे थर्ड जेंडर (किन्नर) पारंपरिक कार्य से खुश हैं तो इसके पास दूसरा विकल्प भी नहीं है। पढ़े-लिखों को समाज में स्थान नहीं तो स्कूल की ओर जाने-वाले रास्ते भी टेड़े-मेड़े। आदिकाल से चली आ रही परंपरा को ढो रहे थर्ड जेंडर आज बदलाव की मांग कर रहे हैं। नाम और पहचान उजागर न करने की शर्त पर किन्नरों ने बताया कि हमें भी समाज में भागेदारी चाहिए। ऐसा स्थान चाहिए जहां हमें भेदभाव की नजर से न देखा जाए।

कई के नहीं बने वोट

कंकरखेड़ा क्षेत्र की प्रमुख विमला ने बताया कि उनका इस बार वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था। वे सभी पहचान पत्र लेकर पोलिंग बूथ पर गई भी किंतु नाम न होने से वोट नहीं डाल सकीं। हालांकि विमला का कहना है कि मतदान प्रक्रिया में हर व्यक्ति को शामिल होना चाहिए। वे इससे पहले हर चुनाव में वोट डालती थीं। रौनकपुरा में भी कई थर्ड जेंडर के वोट नहीं हैं।

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मतदाता जागरूकता के हर संभव प्रयास प्रशासनिक स्तर पर मतदान से पूर्व किए गए हैं। थर्ड जेंडर के वोट नहीं बन पाए इसकी समीक्षा की जाएगी। वोटिंग परसेंट बाकई चिंता का विषय है।

मुकेश चंद्र, एडीएम सिटी एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी