भारत और चीन ने सीमा पर शांति बनाए रखने की इच्छा जताई है. सीमा संबंधी विवाद का हल खोजने को लेकर सोमवार से शुरू 18वें दौर की वार्ता में इस आशय की सहमति बनी है. वार्ता के पहले दिन दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि सीमा संबंधी मसले सुलझने से पहले, इन विवादों का ‘उचित तरीके से प्रबंधन और नियंत्रण’ किया जाए. सीमा पर हर हाल में शांति बनाए रखा जाए। द्विपक्षीय बातचीत में बनी इस सहमति के संबंध में भारत की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन चीन की आधिकारिक मीडिया शिन्हुआ के जरिये यह जानकारी दी गई है.

 

दोनों देशों के बीच शुरू हुई इस 18वें दौर की सीमा वार्ता में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल भारत का पक्ष रख रहे हैं, जबकि उनके समकक्ष और स्टेट काउंसलर यांग जेची चीन की ओर से यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद से सीमा संबंधी मसलों को लेकर दोनों देशों के बीच इस तरह की यह पहली बैठक आयोजित हुई है. चीनी मीडिया शिन्हुआ के मुताबिक दोनों पक्ष सीमा विवाद सुलझने से पहले तक मिलकर अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने पर सहमत हुए हैं. साथ ही दोनों पक्ष इस पर भी राजी हुए हैं कि उनके नेताओं के बीच बनने वाली अहम सहमतियों को लागू कराने के लिए मिलकर प्रयास किए जाएंगे, उच्च स्तरीय दौरों का सिलसिला बनाए रखा जाएगा और चीन-भारत रणनीतिक सहयोग साझेदारी के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा.

गौरतलब है कि यह सीमा वार्ता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मई में प्रस्तावित चीन दौरे से पहले हो रही है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अपनी हालिया चीन यात्रा के दौरान कहा था कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को लीक से हटकर समाधान निकालने की जरूरत है.

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