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क्चश्वद्दस्न्क्त्रन्ढ्ढ/क्कन्ञ्जहृन्: खगडि़या जिले की एक महिला ने रविवार की देर शाम बेगूसराय शहर के निजी नर्सिंग होम में एक साथ 4 बच्चियों को जन्म दिया है। 3 बच्चियां खतरे से बाहर हैं, जबकि एक बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई है। जिसका इलाज एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पास चल रहा है। बच्चियां नार्मल ढंग से हुई है। प्रसूता सविता कुमारी खगडि़या जिले के पितुंजिया गांव की रहने वाली हैं। उनके पति ओडिशा में टावर निर्माण का कार्य करते हैं।

फिर गलत साबित हुई मशीन

मशीनों पर बढ़ती निर्भरता ने एक बार फिर से लोगों की सोच पर ब्रेक लगा दी है। सविता बताती हैं कि कुछ महीने पहले उसने अल्ट्रासाउंड करवाया था। जिसमें तीन बच्चे होने की जानकारी दी गई थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को जब वह प्रसव पीड़ा के बाद बेगूसराय के एक नर्सिंग होम में भर्ती हुई तो पहले डॉक्टर ने रिपोर्ट देखने के साथ ही नार्मल डिलीवरी से इनकार कर दिया। काफी आग्रह के बाद वह नार्मल डिलीवरी के लिए तैयार हुई। रिपोर्ट के अनुसार तीन बच्चियों के जन्म के बाद डॉक्टर ओटी से जाने लगी। मगर उसे महसूस हुआ कि अब भी पेट में कुछ है, उसने तुरंत नर्स को बताई। नर्स ने तुरंत डॉक्टर को बताई तब चौथी बच्ची का जन्म हुआ। सविता बताती हैं कि शादी ढाइ वर्ष हुई। पहला बच्चा नुकसान हो गया था। दूसरी बार ऊपर वाले ने एक साथ चार-चार बच्चियां दी हैं।

यह काफी रेयर केस

डॉ। कामिनी बताती हैं कि यह काफी रेयर केस है। उसमें भी सबसे अहम ¨बदु नार्मल डिलीवरी होना है। वे बताती हैं कि कभी-कभी दवाओं के गलत असर से ऐसी स्थिति बनती है। इसमें बच्चा नुकसान होने का खतरा अधिक रहता है। बच्चे एक से डेढ़ किलो के अंदर रहते हैं, जिससे उसे स्वस्थ रखना भी चुनौती होता है। ब्रेस्टफी¨डग की समस्या उनके कुपोषण का भी कारण बन जाती है। जब तक बच्चे कुछ बड़े नहीं हो जाते बड़ी-बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें माता के शरीर में खून की किल्लत खतरनाक है।