- डीडीयूजीयू से संबद्ध 12 डिग्री कॉलेज के मैनेजर व प्रिंसिपल ने बीपीएड स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ किया खिलवाड़

- भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मैनेजर व प्रिंसिपल के फर्जीवाडे़ को डीडीयूजीयू के वीसी ने किया भंडाफोड़

GORAKHPUR: बीपीएड सेशन ख्0क्फ्-क्ब् के एग्जामिनेशन के लिए जहां बीपीएड स्टूडेंट्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। अशोक कुमार ने क्ख् डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल और मैनेजर द्वारा फर्जी तरीके से लिए गए एडमिशन मामले का ऐसा पर्दाफाश किया है कि करीब म्00 बीपीएड स्टूडेंट्स के भविष्य अधर में लटकते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि इस फर्जीवाडे़ मामले में वीसी ने सभी क्ख् डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल और मैनेजर को मूल दस्तावेज के साथ ख्0 नवंबर को यूनिवर्सिटी में तलब किया है।

क्या है प्रकरण

डीडीयूजीयू के वीसी ने बताया कि बीपीएड ख्0क्फ्-क्ब् सेशन में डिग्री कॉलेज को अपने स्तर पर एडमिशन लेने के निर्देश जुलाई ख्0क्फ् में दिए गए थे। यूनिवर्सिटी ने इन सभी डिग्री कॉलेज के मैनेजर और प्रिंसिपल को एडमिशन के लिए कुछ गाइडलाइन दी थी। इनमें यूजीसी, एनसीटी और शासन के आदेश भी शामिल थे। इन्हीं गाइडलाइन के तहत ही एडमिशन लिए जाने थे, लेकिन कॉलेजों ने किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया और अपने हिसाब से एडमिशन कर डाले।

ये तय थी गाइडलाइन-

- एडमिशन के लिए रिटेन और फिजिकल टेस्ट कराना कंपलसरी था।

- रिटेन और फिजिकल टेस्ट के पैरामीटर्स भी तय किए गए थे।

- इन दोनों टेस्टों को क्वालीफाई करने के बाद ही एडमिशन देना निर्धारित था।

- एडमिशन प्रोसेस कंपलीट होने के बाद डीडीयूजीयू को निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट देनी थी।

कुछ इस तरह टूटी गाइडलाइन

- केवल तीन कॉलेजों में रिटेन टेस्ट की खानापूर्ति की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि इन तीनों कॉलेजों के एडमिशन का इंट्रेस एग्जामिनेशन पेपर सेम था और अलग-अलग डेट पर आयोजित किया गया था। इससे सभी बच्चों को पहले से पेपर पता चल गया था। बाकी 9 कॉलेजों ने इंट्रेस का रिटेन टेस्ट करवाना तक जरूरी नहीं समझा।

- किसी भी कॉलेज ने एडमिशन के लिए फिजिकल एग्जाम नहीं करवाया।

- सभी कॉलेजों ने एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की योग्यता की बजाय मोटी फीस वसूली।

- इन सभी कॉलेजों ने एडमिशन रिपोर्ट अभी तक सबमिट नहीं की है।

ख्0 नवंबर की दोपहर फ्.फ्0 बजे पहुंचना है वीसी ऑफिस

प्रो। अशोक कुमार ने बताया कि इन कॉलेज वालों को यूनिवर्सिटी की तरफ से बार-बार रिमाइंडर भेजा जाता रहा है कि वह एडमिशन से संबंधित सभी दस्तावेज यूनिवर्सिटी को भेज दें, लेकिन इन सभी ने नहीं भेजा, जिसके चलते बीपीएड एग्जाम को कंडक्ट कराने में देरी आई। ख्0 नवंबर की दोपहर फ्.फ्0 बजे इन कॉलेज के मैनेजर और प्रिंसिपल को सभी मूल अभिलेखों के साथ प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं।

बाक्स में दें

ये तो एक बानगी है, आगे तमाशा बहुत बड़ा है

प्रो। अशोक कुमार ने फर्जीवाड़े की एक बानगी बताते हुए कहा कि संतकबीरनगर के शिव शंकर चतुर्वेदी पीजी कॉलेज की बीपीएड छात्रा ज्योतिमा राय के एडमिशन में फर्जी तरीके से युवा कल्याण एवं विकास दल निदेशालय, उ.प्र। लखनऊ द्वारा जारी प्रमाण पत्र लगाया है। इस प्रमाण पत्र में यह दर्शाया गया है कि इस स्टूडेंट ने ख्फ् से ख्7 फरवरी क्99फ् में आयोजित अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लिया है, जबकि ज्योतिमा की डेट ऑफ बर्थ क्-क्-क्99क् है। यानी की उसने ख् साल की उम्र में ही अखिल भारतीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग ले लिया था। वीसी ने बताया कि यह तो एक बानगी है जब सभी म्00 स्टूडेंट्स के दस्तावेजों को खंगाला गया तो यह खेल बहुत बड़ा निकला।

इन तीनों कॉलेज वालों ने कराई थी खानापूर्ति की प्रवेश परीक्षा

क्- ख्क् सिंतबर ख्0क्फ् को जवाहर लाल नेहरू कॉलेज, महराजगंज

ख्- 8 अक्टूबर ख्0क्फ् को शिव शंकर चतुर्वेदी पीजी कॉलेज, संतकबीरनगर

फ्- 7 अक्टूबर ख्0क्फ् को प्रभा देवी पीजी कॉलेज, खलीलाबाद, संतकबीरनगर

इन 9 कॉलेजों ने तो खुल्लम-खुल्ला किया एडमिशन

क्- सरस्वती देवी पीजी कॉलेज, जैतपुर गोरखपुर

ख्- वीर बहादुर सिंह पीजी कॉलेज, हरनही, गोरखपुर

फ्- शांति सशक्तीकरण पीजी कॉलेज, सिधुआपार, बड़हलगंज, गोरखपुर

ब्- नेशनल पीजी कॉलेज, बड़हलगंज, गोरखपुर

भ्- पं। सूर्य नारायण चतुर्वेदी, नाथनगर, संतकबीरनगर

म्- विद्यार्थी पीजी कॉलेज, बड़डीहा, गोरखपुर

7- बाबा पर्वत नाथ पीजी कॉलेज, विश्वनाथपुर, संतकबीरनगर

8- पं। अंबिका प्रसाद डिग्री कॉलेज, हरिहरपुर, संतकबीरनगर

9- जीपीएस पीजी कॉलेज, खलीलाबाद, संतकबीरनगर

बीपीएड ख्0क्फ्-क्ब् में हुए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े मामले की जांच के लिए क्ख् डिग्री कॉलेज के मैनेजर और प्रिंसिपल को ख्0 नवंबर को तलब किया गया है। ये सभी मूल दस्तावेज के साथ उपस्थित हों।

प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू, गोरखपुर