जल्द चालू होगी कैंसर डिपार्टमेंट की ब्रेकीथेरेपी मशीन

प्राइवेट हॉस्पिटल में एक बार का खर्चा 5000 रुपये

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में जल्द ही ब्रेकीथेरेपी मशीन सही होने जा रही है। इस मशीन के सही होने से कैंसर मरीजों को सिकाई के लिए अब निजी हॉस्पिटल में नहीं जाना होगा। उनकी जेब पर भी बोझ कम पड़ेगा।

टीपीएस में आ गई थी खराबी

एसएन के कैंसर विभाग में ब्रेकीथेरेपी मशीन है, लेकिन पिछले दिनों इसके टीपीएस (ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम) में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसे सही कराने के लिए विभागाध्यक्ष द्वारा कई बार डिपार्टमेंट को लिखित कंप्लेन की गई थी। अगर इस मशीन से कैंसर रोगी किसी निजी हॉस्पिटल में सिकाई कराता है तो एक बार का खर्चा पांच हजार रुपये आता है, जबकि एसएन में सिकाई कराने के लिए उसे मात्र 35 रुपये फीस देनी होती है।

कैंसर में कारगर है यह मशीन

इस मशीन से कैंसर के उसी हिस्से में सिकाई की जाती हैं, जहां मरीज को जरूरत होती है। इससे शरीर के बाकी हिस्से में दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है। एक महीने में मशीन के दुरुस्त हो जाने पर प्रतिदिन दो मरीजों की सिकाई की जाएगी। एक पेशेंट की चार घंटे में सिकाई होती है।

ब्रेकीथेरेपी की आवश्यकता

आईएमए अध्यक्ष डॉ। संदीप अग्रवाल के अनुसार इसका कॉमर्शियल यूज काफी कम होता है। इस मशीन की कैंसर के 95 प्रतिशत मरीजों को आवश्यकता नहीं पड़ती। किसी मरीज के खाने की नली ब्लॉक हो गई है तो इसमें एक तार के जरिए खाने की नली की सिकाई की जाती है। बच्चेदानी के कैंसर के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। इस मशीन से सिकाई का प्रॉसिजर लंबा है। एक बार में मरीज की सिकाई चार घंटे तक की जाती है। इस प्रकिया में एक डॉक्टर, एक फिजीशियन, एक नर्सिग स्टाफ की जरूरत होती है।