-छाती में अतड़ी आ जाने से दाहिनी ओर धड़क रहा था दिल

JAMSHEDPUR: समय से पहले जन्मे एक नवजात का दिल दाहिनी ओर धड़क रहा था। मासूम के फेफड़े भी दबे हुए थे। इस वजह से वह सही ढंग से सांस नहीं ले पा रहा था। संयोग रहा कि नवजात की किस्मत अच्छी थी, इलाज सही समय पर हुआ और नई जिंदगी मिल गई। यह शिशु सोनारी का रहने वाला है। यह जानकारी बुधवार को ब्रह्मानंद नारायण अस्पताल की ओर से साकची स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में दी गई।

आठ माह में हुआ था जन्म

दरअसल, नवजात का जन्म आठ माह में ही एक निजी अस्पताल में हुआ। समय से पूर्व जन्म होने के कारण उसका वजन महज क्.म् किलो था। उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। स्थिति गंभीर देखते हुए उसे ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सकों ने जांच में पाया कि उसे आपात सर्जरी की सख्त जरूरत है। क्योंकि, उसे सांस लेने में काफी तकलीफ व हृदय छाती के दायीं तरफ था। छाती और पेट के बीच के कपाट में हृदय डेक्स्ट्रो-कार्डिया की स्थिति में था। बायीं छाती में पेट की आंत आ जाने के कारण फेफड़ा भी दब गया था और दिल बायीं ओर चला गया था। संवाददाता सम्मेलन में ब्रह्मानंद के फैसिलिटी डायरेक्टर प्रतीक जैन भी उपस्थित थे।

चार घंटे चला ऑपरेशन

ब्रह्मानंद के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। परवेज आलम के नेतृत्व में गठित टीम के द्वारा चार घंटे तक थ्रोएटिक सर्जरी कर नवजात को नई जिंदगी दी गई। सर्जरी के बाद नवजात में ऑक्सीजन का प्रवाह सामान्य हो गया और नियमित रूप से सांस लेने लगा। डॉ। परवेज के मुताबिक, यह एक जीवन रक्षक शल्यक्रिया थी, अन्यथा यह शिशु ऑक्सीजन की कमी (हायपोक्सिया) के कारण कभी भी दम तोड़ सकता था। टीम में जनरल सर्जन डॉ। अमिताभ बंदोपाध्याय, पिडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। पंकज कुमार गुप्ता, कार्डिक एनेस्थियोलॉजिस्ट डॉ। राहुल देवदास, डॉ। उमेश प्रसाद व डॉ। विजय कुमार शामिल रहे। नवजात को अस्पताल से छुट्टी दे दी दी गई। अब उसका वजन क्.म् किलो से बढ़कर सवा चार किलो हो गया है।