ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रमुख ए शिवतानु पिल्लई ने बताया कि रूस निर्मित पोत से दिन में ग्यारह बजे मिसाइल छोड़ी गई. उन्होंने कहा कि पोत के एक्सेप्टेंस टेस्ट फायरिंग (एटीएफ) के तहत नौसेना ने यह मिसाइल छोड़ा. नई तलवार कैटेगरी पोत आईएनएस तरकश को पिछले साल 9 नवंबर को पानी में उतारा गया था.

इंडिया के इस वार से नहीं बच पाएगा ड्रैगन

इंडिया और रूस के बीच जुलाई 2006 में दस्तखत किए गए 8,000 करोड़ रुपए के अनुबंध के तहत इस कैटेगरी के दो अन्य पोत आईएनएस तेग और आईएनएस त्रिकंद के साथ ही इस पोत का निर्माण किया गया है. आईएनएस तेग को 27 अप्रैल 2012 को पानी में उतारा गया था और अब आईएनएस त्रिकंद के जल्द ही पानी में उतारे जाने की संभावना है.

राह से भटकी 'निर्भय' है खास

सभी तीनों पोत आठ वर्टिकल लांच ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली से लैस होंगे. मिसाइल छोड़े जा सकने वाले इन पोतों की डिजाइन इस तरह की गई है कि विभिन्न समुद्री मिशनों में इसका यूज हो सकता है. इंडिया और रूस के ज्वाइंट वेंचरी में बनी ब्रह्मोस 300 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है.

National News inextlive from India News Desk