- बीआरडी की दो पैथोलॉजी से मिले दो रिपोर्ट, जनरल पेशेंट के साथ एडमिट हो गया एचआईवी पेशेंट

- मेडिकल कॉलेज में पेशेंट ने बताया डेढ़ साल से है एड्स तो चौंक गए डॉक्टर

GORAKHPUR: पूर्वाचल के सबसे बड़े अस्पताल- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी टेस्ट में बड़ी लापरवाही सामने आई है। मेडिकल कॉलेज की दो पैथोलॉजी सेंटर ने एक ही पेशेंट को अपनी रिपोर्ट में एचआईवी पॉजिटिव तो कभी निगेटिव बता दिया। इतना ही नहीं, डॉक्टर ने निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर उसे जनरल पेशेंट्स के साथ एडमिट भी कर लिया जबकि एड्स रोगियों को अलग एडमिट करने का नियम है। अलग-अलग रिपोर्ट आने पर जब डॉक्टर ने पेशेंट से पूछा तो वह तो डेढ़ महीने से एड्स का पेशेंट है। अब फिर अस्पताल प्रशासन ने उसे एड्स रोगियों के वार्ड में शिफ्ट किया है।

जांच में निगेटिव, हो गया एडमिट

सिद्धार्थनगर का एक युवक 15 जुलाई को बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। उसने नियम के अनुसार कोरम पूरा कर डॉक्टर से दिखाया। डॉक्टर को बताया कि उसे बुखार है। सिर भारी लगता है। डॉक्टर ने टेस्ट के लिए लिखा और उसे जनरल पेशेंट्स के साथ एडमिट कर लिया। सेंट्रल पैथोलॉजी ने उसी दिन रिपोर्ट दे दी जिसमें वह एड्स निगेटिव था। इस आधार पर डॉक्टर ने उसे जनरल वार्ड में ही रहने दिया और उपचार शुरू कर दिया।

दोबारा कराई जांच, निकला पॉजिटिव

पेशेंट को वार्ड नंबर 9 में एडमिट कर लिया गया। उसका उपचार सामान्य मरीजों की तरह होने लगा। इस बीच कुछ लक्षण दिखने के बाद डॉक्टर ने दोबारा एचआईवी टेस्ट लिख दिया। इस बार डॉक्टर ने ट्रामा सेंटर के पैथोलॉजी में जांच कराने को कहा। पैथोलॉजी सेंटर ने 16 जुलाई को रिपोर्ट दी तो उसमें पेशेंट एचआईवी पॉजिटिव था। यह देखकर डॉक्टर के होश ही उड़ गए। आनन-फानन में पेशेंट को जनरल वार्ड से निकालकर एड्स मरीजों के वार्ड में शिफ्ट किया गया।

डेढ़ महीने से करा रहा इलाज

पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद जब डॉक्टर ने पेशेंट से बात की तो उसने बताया कि उसे डेढ़ माह से एड्स है। वह एआरटी सेंटर में इलाज भी करा रहा है। इस बीच दिक्कत बढ़ी तो वह दोबारा दिखाने पहुंच गया था। पेशेंट ने खुद को एड्स होने की बात नहीं बताई वहीं डॉक्टर ने भी सेंट्रल पैथोलॉजी सेंटर की रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए जनरल वार्ड में एडमिट कर लिया।