- बीआरडी प्रिंसिपल को पता था कि ठप हो सकती है ऑक्सीजन सप्लाई

- कर्मचारी भी प्रिंसिपल और उनकी पत्नी पर लगा रहे घटना का दोषी होने का आरोप

GORAKHPUR: बीआरडी में मासूमों की मौत के बाद शासन ने भले ही प्रिंसिपल डॉ। राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया है। लेकिन शहर के लोगों की जुबां अभी भी प्रिंसिपल को मासूमों का गुनाहगार बताते थक नहीं रही। यहां तक की खुद बीआरडी के कर्मचारी भी प्रिंसिपल को ही मासूमों की मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपार्टर ने स्टाफ से प्रकरण पर प्रतिक्रिया पूछी तो वे भी बीआरडी प्रिंसिपल को ही कटघरे में खड़ा करते दिखे।

'सब मैडम ने किया है साहब'

रिपोर्टर ने इंसेफेलाइटिस वार्ड नंबर 100 में तैनात एक सफाई कर्मी से घटना का कारण पूछा तो कहने लगा कि हम क्या बोलें साहब, हम तो ड्यूटी पर हैं। लेकिन यह सब उस मैडमवा ने किया है बाबू। बहुते खराब है, सीधे मुंह प्रिंसिपल साहब से भी बात नहीं करती है। इसी बीच एक और कर्मचारी उसकी बात रोकते हुए कहने लगा, पता नहीं वे कैसे प्रिंसिपल हो गए, सब बातें तो वे अपनी पत्‍‌नी की ही सुनते हैं। यह पूरा ऑक्सीजन की मामला उसी ने रचा है। जांच होई तब पता चल जाई। वहीं एक जूनियर डॉक्टर का भी कहना था कि पिछले तीन माह से मेडिकल कॉलेज में केवल ऑक्सीजन ही नहीं कई व्यवस्थाएं ध्वस्त की गई हैं। इतनी बड़ी घटना हो जाने से ऑक्सीजन का मामला खुल गया है।