dhumila bazar : (19 july)

गोला ब्लाक क्षेत्र के सुरदापार शुक्ल गांव के पास बारानगर नहर के कट जाने से सैकड़ों एकड़ रोपी गई धान की फसल डूब गई। जिससे रातोंरात किसानों की नीद उड़ गई। किसानों ने बताया कि रात में पानी का दबाव होने से पहले से जर्जर हो चुकी नहर कट गई। जिससे अचानक गांवों खेतों में पानी लग गया। इससे हजारों की लागत और मेहनत से रोपी गई किसानों की फसल खराब हो गई।

मुसीबत बढ़ा रही नहर

सरयू नहर बारानगर कैनाल जिले के दक्षिणांचल में हरियाली लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी। शासन की मंशा किसानों को कम पैसे में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की थी। इस पर सरकार की ओर से अरबों रुपए खर्च किए गए लेकिन इसका लाभ न मिलकर किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान इससे खेत की सिंचाई कम कर पाते हैं। नहर जर्जर होने के कारण आए दिन कट जाती है। जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

वर्षो से नहीं हुई शिल्ट की सफाई

किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि लेने और अरबों रुपए खर्च करके बनाने के बाद विभाग इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण नहर में जगह-जगह कट हो गए हैं। वहीं झाड़-झंखाड़ और शिल्ट जमा हो गई है जिससे कहीं से भी पानी बहने लगता है।

नहर की बरसात से पहले ठीक से सफाई और मरम्मत न होने के कारण न नहर बरसात में अक्सर टूट जाती है।

जय नरायन यादव, किसान नुआंव निवासी

जब नहर में पानी की जरूरत थी तो पानी नहीं आया जबकि एक सप्ताह से बरसात हो रही है। किसी को पानी की जरूरत नहीं। है फिर भी पानी छोड़ा गया है।

रामजी गौड़, सुरदापार शुक्ल

नहर के कर्मचारियों को नहर की निगरानी करनी चाहिए पर जब नहर कट जाती है। तब आकर मरहम लगाते है और नुकसान हो चुका होता है।

उमाशंकर यादव, सुरदापार शुक्ल

नहर बाध दी गयी है और नहर बन्द करवा दी गयी है साथ ही कहा की नहर की सफाई मैंने करायी थी किसान भी जगह जगह पाईप डाल देते है जिस से नहर कमजोर हो जाट है।

राजेश सिंह, अवर अभियन्ता, सरयू नहर