- दो बांधों में जगह-जगह हो गए होल

- कई गांवों में मच सकती है तबाही

CAMPIERGANJ: जिले में वैसे ही इस बार बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसके ऊपर समस्या से बचाव में लगाए गए लोग जनता का डर कम करने की जगह उसे बढ़ाने में लगे हैं। इसका कारण है बांधों में पड़ रही दरारें। कैम्पियरगंज तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी किनारे बने रिगौली करमैनी और गेरुई मूसाबार बांधों पर बारिश के बाद जगह-जगह बड़े होल हो गए हैं। जबकि कुछ ही समय पहले इन दोनों की मरम्मत की गई थी। बांधों के टूटने से जहां ग्रामीण डरे हुए हैं वहीं एक बार फिर मरम्मत के नाम पर होने वाला बड़ा खेल सामने आने लगा है।

सैकड़ों गांव खतरे में

हर साल सरकारी की ओर से बांधों की मरम्मत के लिए लाखों रुपए दिए जाते हैं। इसके बावजूद हर बार कहीं ना कहीं बांध टूट जाता है और सैकड़ों लोग बेघर हो जाते हैं। इसी क्रम में दो वर्ष पूर्व गेरुई रेग्युलेटर के पास बांध में रिसाव ने लोगों की नींद उड़ा दी थी। उस समय तत्कालीन जिलाधिकारी के प्रयास से किसी तरह बांध को टूटने से बचाया गया। वर्तमान में बांध पर हुए रेनकट पर अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो मूसाबार, मिरहिरिया, रिगौली पचमा, गोपलापुर, धुसिया, खजुरगावा, बहबोलिया, कटकही, ठाकुरनगर, लोहरपुरवा, बसन्तपुर, पठनपुरवा, बरयीपार, गुलरिहा, भगवानपुर, बैसला, शिवपुर, बेलौहा आदि सैकड़ों गांव डूब सकते हैं।

खराब रेग्युलेटर लाएगा तबाही

एक सिंचाई विभाग कर्मचारी ने बताया कि गेरुई रेग्युलेटर का चैनल मरम्मत ना होने से खराब हो गया है। उसने यह भी बताया कि रिगोली और बहबोलिया के बीच नदी का पानी बांध के बेहद करीब आ गया है। इन दोनों गांवों के बीच में एक जगह बांध ज्यादा कटा हुआ है। अगर नदी का पानी ज्यादा बढ़ा तो यहां भयानक तबाही आ सकती है। कर्मचारी ने दबी जुबान में इस कार्य के ना होने के पीछे ठेकेदारों के घपले की बात भी कही।

विभाग के पास पैसा नहीं है। इस कारण अभी कोई सुधार नहीं हो सकता। जहां तक रेग्युलेटर के चैनल की बात है तो उसकी मरम्मत के लिए मिस्त्री लगाया गया है।

- लालचन्द, जेई