- यूनिवर्सिटी में एक और फर्जीवाड़े का हुआ है खुलासा

- बाबू ने तय किया सौदा, अधिकारियों ने थामी खामोशी

आगरा। डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। वेरीफिकेशन के लिए एक बाबू ने लाखों में सौदा कर लिया। वेरीफिकेशन लेटर भी तैयार कर डिस्पैच विभाग में भेज दिए। यहां शक होने पर जांच की गई, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

शिक्षक के पद पर हैं तैनात

डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में मथुरा के बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा वेरिफिकेशन के लिए बीबीए, बीसीए और बीकॉम की मा‌र्क्सशीट भेजी थीं। विवि द्वारा उक्त मा‌र्क्सशीटों को संबंधित विभाग में चेक करने के लिए भेजा गया। जहां से नौ शिक्षकों की मा‌र्क्सशीट जनरेट की गई थी। सूत्रों कहना हैं जिन लोगों की यह मा‌र्क्सशीट है, वह वर्तमान में शिक्षा विभाग में टीचर्स हैं। भेजी गई मा‌र्क्सशीट में से सात बीएसए मथुरा और अन्य मा‌र्क्सशीट हरियाणा से बताई गई हैं।

बाबू से तय किया सौदा

उक्त शिक्षक वेरिफिकेशन की रिपोर्ट लगाने वाले बाबू के संपर्क में आ गए। उन्हें पकड़े जाने का भय था। पटल पर तैनात बाबू ने इस काम को करने का ठेका लिया ले लिया। विवि सूत्रों का कहना है कि शिक्षकों के पक्ष में रिपोर्ट लगाने का यह सौदा करीब 12 लाख रुपये में तय किया गया।

डिस्पैच विभाग ने पकड़ा मामला

वेरीफिकेशन के लिए पहुंची मा‌र्क्सशीटों पर विभाग द्वारा ओके की रिपोर्ट लगा दी गई। बाबू ने शिक्षकों के साथ किए करार को बखूबी पूरा करते हुए सत्यापन के लेटर भी जारी कर दिए। इसमें सात लेटर बेसिक शिक्षा विभाग मथुरा व दो हरियाणा डिस्पैच होने थे। जब इन सत्यापन के लेटरों को डिस्पैच विभाग भेजा गया, तो उन्हें संदेह हुआ। उन्होंने उक्त लेटरों को डिस्पैच करने की बजाय रोक लगाते हुए जांच की। तब कहीं यह मामला सार्वजनिक हुआ। इस मामले में प्रभारी कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

फार्जीवाड़े में बाबू जा चुके हैं जेल

विवि में पहले भी इस तरह के कई फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। फर्जी चार्ट जनरेट करने और गलत वेरीफिकेशन के मामले में बाबू जेल की हवा खा चुके हैं, जबकि दर्जनों बाबू जांच के घेरे में चल रहे हैं। जिसमें स्नातक के साथ बीएड चार्ट जनरेट करने के फर्जी सत्यापन के मामले हैं, जिसकी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। इससे बाबू और अधिकारी करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर चुके हैं।