पहली बार हुआ गठन

ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार एक बड़ा फैसला लिया गया है. सभी देशों ने मिलकर ब्रिक्स विकास बैंक के गठन की मंजूरी दे दी है. 100 अरब की पूंजी के साथ शुरू किये जा रहे इस बैंक का मुख्यालय शंघाई में होगा. पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स विकास बैंक से न सिर्फ सदस्य देशों को फायदा होगा, बल्कि विकासशील विश्व को भी फायदा होगा. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका ने शिखर सम्मेलन में विकास बैंक की स्थापना पर मुहर लगा दी है. ब्रिक्स देशों के छठे शिखर सम्मेलन में पेश फोर्तलेजा प्रस्ताव के मुताबिक ब्रिक्स बैंक की पूंजी 100 अरब डॉलर की होगी. इस बैंक की शुरुआती पूंजी 50 अरब डॉलर की होगी, जिसमें सभी सदस्य देश बराबर का सहयोग करेंगे.

पहला अध्यक्ष भारत से होगा

ब्रिक्स विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का पहला अध्यक्ष रूस का होगा. इसके साथ ही बैंक का पहला अध्यक्ष भारत से होगा. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का पहला अध्यक्ष ब्राजील से होगा. बैंक का मुख्यालय शंघाई बनाया जायेगा तथा बैंक का एक क्षेत्रीय केंद्र साउथ अफ्रीका में स्थापित किया  जायेगा. सभी सदस्य देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि वो अपने वित्त मंत्रियों को बैंक के संचालन के तरीकों पर जल्द काम शुरू करने के निर्देश देंगे. इस मौके पर मोदी ने कहा कि ब्रिक्स विकास बैंक से न सिर्फ सदस्य देशों को फायदा होगा बल्कि इससे विकासशील दुनिया के दूसरे देश भी बढ़ोत्तरी कर सकेंगे. मोदी के मुताबिक आर्थिक अस्थिरता को सुरक्षित रखने में ये बैंक कारगर साबित होंगे.

आतंकवाद और सुरक्षा का मुद्दा उठा

सम्मेलन को संबोधित करते हुये पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की हिमायत की. मोदी ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रुप और आकार में हो वह मानवता के खिलाफ है. हम अभी जो चुनेंगे वही दुनिया का भविष्य तय करेगा. अफगानिस्तान से अफ्रीका तक का क्षेत्र अशांति और संघर्ष के दौर से गुजर रहा है. जिन देशों को यह सब झेलना पड़ रहा है उनकी दशा पर मूक दर्शक अने रहने के गंभीर परिणाम होंगे. मोदी के भाषण में आतंकवाद और सुरक्षा  के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर काफी जोर रहा. पूरी दुनिया को साथ लेकर चलने और सबका विकास की बात पर जोर देते हुये पीएम मोदी ने कहा कि हम ऐसी सरजमीं से ताल्लंक रखते हैं, जहां वसुधैव कुटुंबकम के मूल्यों का महत्व है.

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