- एई व जेई नहीं करते निर्माण कार्य का रुटीन इंस्पेक्शन

- चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के बीम गिरने का मामला

VARANASI

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का सुपरविजन मुंशी और मेठ के सहारे चल रहा था। विभागीय सूत्रों की मानें तो जांच में यह बात सामने आई है कि असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर नियमित सुपरविजन करने नहीं जाते थे। अफसरों के निरीक्षण में पहले भी कई बार यह बात सामने आई थी। जो कार्यदायी संस्था राज्य सेतु निगम की ओर से बरती गई लापरवाही की ओर साफ इशारा करती है। अनट्रेंड मुंशी और मेठ के सहारे सुपरविजन जैसा महत्वपूर्ण काम छोड़ दिया गया था।

बीम का एलाइनमेंट क्यों नहीं?

वसुंधरा कॉलोनी के पास फ्लाईओवर पर पांच बीम फरवरी में लगाए गये थे। लेकिन अब तक उनका एलाइनमेंट (सेटिंग) तक नहीं हो पाया। भले ही विभागीय अधिकारी इसका कारण वाहनों का अत्याधिक दबाव बता रहे हों। लेकिन हकीकत यह है कि विभागीय सुस्ती के चलते अब तक बीम का एलाइनमेंट नहीं हो सका। इससे बीम आड़ा-तिरछा पड़ा रहा। हादसे का एक कारण यह भी हो सकता है।

तैनात किए गए हैं ट्रैफिक गार्ड

एनएच-2 पर कैंट स्टेशन के पास यातायात का भारी दबाव है। इसके चलते ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों के अलावा राज्य सेतु निगम ने अपने खर्चे पर 36 ट्रैफिक सेफ्टी गार्ड तैनात कर रखे हैं। गार्ड कैंट स्टेशन के आसपास की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में सिपाहियों का सहयोग करते हैं। इसमें 23 गार्ड सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और 13 गार्ड दो बजे से रात आठ बजे तक तैनात रहते हैं।

पहले किया इकरार, फिर इनकार

वाहनों के ज्यादा दबाव की वजह से फ्लाईओवर निर्माण में अपेक्षित गति नहीं आ रही थी। इसके लिए निलम्बित प्रोजेक्ट मैनेजर केआर सूदन ने वाहनों के रूट डायवर्जन के लिए एसपी ट्रैफिक को पत्र लिखा था। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पूछने पर प्रोजेक्ट मैनेजर ने पहले तो दर्जनों बार पत्र भेजने की बात कही। लेकिन बाद में वे अपनी बात से साफ मुकर गए। बोले, वाहनों के डायवर्जन के लिए मौखिक तौर पर कहा गया था। ना कि लेटर भेजा गया था। जबकि सरकारी नियमों के मुताबिक बिना पत्र व्यवहार के कोई नई व्यवस्था लागू नहीं की जाती है। सवाल यह है कि पहले पत्र भेजने की बात कहने वाले केआर सूदन बाद में किस दबाव में अपनी बात से पलट गये?

एसपी ट्रैफिक ने दर्ज कराया था केस

फ्लाईओवर निर्माण कार्य में सड़क किनारे रखे गए स्क्रैप के चलते ट्रैफिक में बाधा आ रही थी। इसके चलते एसपी ट्रैफिक सुरेश चन्द्र रावत ने सस्पेंड प्रोजेक्ट मैनेजर केआर सूदन के खिलाफ फरवरी में सिगरा थाने में केस दर्ज कराया था। एसपी ट्रैफिक का कहना है कि प्रोजेक्ट मैनेजर ने रूट डायवर्जन के सम्बंध में कोई पत्र नहीं भेजा था।

यहां भी हादसे का इंतजार

पांडेयपुर-पंचक्रोशी मार्ग पर करीब दो सौ मीटर तक यूपी जलनिगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने सीवर पाइपलाइन डालने के दौरान आठ मीटर गहरी सड़क खोद दी। पंचक्रोशी परिक्रमा शुरू होने के चलते पीडब्ल्यूडी ने अस्थायी तौर पर रोड की मरम्मत करवा दी। लेकिन इंजीनियर्स का कहना है कि बारिश होने पर सड़क धंसने की आशंका है। पंचक्रोशी मार्ग पर 53 किलोमीटर तक चौड़ीकरण होना है। लेकिन टेंडर न होने से निर्माण नहीं शुरू हो पाया है।

एक नजर

- 55 से 60 टन तक बीम का वजन

- 5 बीम होते हैं एक लेयर में

- 36 ट्रैफिक गार्ड हैं सेतु निगम के

- 200 मजदूर कर रहे थे काम