गोमती की तरह लगनी थी जाली

राजघाट पुल से कूदकर जान देने की वारदात बढऩे पर 2010 में पुल के दोनों तरफ लखनऊ के गोमती नदी की तर्ज पर जाली लगाने की योजना थी। जिसमें पुलिस और प्रशासन दोनों ने सहमति जताई थी लेकिन योजना कागज तक ही सीमित रह गई। तीन साल बीतने के बाद भी आज तक यह काम पूरा नहीं हो सका। जबकि सुसाइड का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा हैं।

डेडबॉडी भी फेंकी जाती है नदी में

राजघाट पुल से केवल जिंदा लोग ही जल समाधि नहीं लेते बल्कि पुल से मुर्दा लोगों को भी फेंका जाता हैं। लावारिस डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार करने की जगह डेडबॉडी को नदी में फेंक दिया जाता है। नदी में फेंकी गई डेडबॉडी न केवल पब्लिक की परेशानी का सबक बनती बल्कि पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन जाती हैं। दोबारा डेडबॉडी को बरामद होने पर पुलिस को फिर पीएम की कार्रवाई करनी पड़ती हैं।

सिक्योरिटी न नीचे और न ऊपर

राजघाट पुल से छलांग लगाने वालों की जिंदगी बचाने के लिए न तो जाली लगाई गई और न ही कोई व्यवस्था है। कहने को राजघाट थाने के सिपाहियों की पुल पर ड्यूटी लगती है, लेकिन फोर्स की कमी के चलते वह पूरी तरह खरी नहीं उतरती। दर्जनों लोगों को नदी में कूदने से स्थानीय दुकानदार और लोगों ने बचाया। कई बार तो गोताखोरों ने लोगों की जान बचाई। सुरक्षा के नाम पर प्रशासन बारिश के मौसम में बाढ़ राहत की टीम और पीएसी की टीम नदी किनारे तैनात कर देती है।

पेट्रोल देने पर होती है तलाश

सुसाइड के नीयत नदी में छलांग लगाने वालों लोगों की तलाश के लिए सरकारी व्यवस्था कोई नहीं हैं। हादसे के बाद राजघाट पुलिस अपने 'जुगाड' से उनकी तलाश करती है या फिर पीडि़त के परिजन सरकारी बोट में 'प्राइवेट पेट्रोल' डालते है। इसके बाद ही डेडबॉडी की तलाश शुरू होती हैं। मंडे को राप्ती नदी जान देने की नीयत से  कोतवाली के मियां बाजार निवासी आजम उर्फ गुड्डू  ने नदी में छलांग लगाई थी। उसने सुसाइड नोट भी पुल पर खड़ी गाड़ी में छोड़ा था। ट्यूजडे को उसकी तलाश के लिए परिवार वाले पुलिस अफसरों के चक्कर काटते रहे। बाद में प्रशासन की मोटर वोट में बीस लीटर पेट्रोल डाला जिसके बाद आजम की तलाश शुरू की गई।

केस नंबर-1

कर्ज के बोझ से लदे शाहपुर राप्ती नगर में रहने वाले एक युवक ने राप्ती नदी में छलांग लगा दी थी। हालांकि उसे बचा लिया गया था। युवक ने दो पेज का एक सुसाइड नोट पुल पर छोड़ा था।

केस नंबर-2

30 अगस्त की शाम राजघाट पुल पर एक युवती साइकिल से आई और नदी में छलांग लगा दी। राजघाट पुलिस ने साइकिल बरामद कर ली लेकिन युवती की डेडबॉडी बरामद नहीं हो सकी।

केस नंबर-3

2 सितंबर को कोतवाली के मियां बाजार में रहने वाला आजम उर्फ गुड्डू अपनी मोपेट से राजघाट पुल पर पहुंचा। गाड़ी पर ही सुसाइट नोट रख कर नदी में छलांग लगा दी। उसकी डेडबॉडी बरामद नहीं हो सकी।