Late से आई train

नॉर्मली सुबह साढ़े सात बजे तक आ जाने वाली शिवगंगा के लेट होने के चलते कैंट पर तैनात फोर्स को काफी वेट करना पड़ा। बृजेश सोमवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे दिल्ली से आने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस के एसी कोच में सवार होकर बनारस आया। दिल्ली पुलिस के एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और छह कमांडोज समेत डेलही पुलिस के कांस्टेबल्स और हेड कांस्टेबल की लंबी चौड़ी टीम डॉन को लेकर तिहाड़ जेल से कैंट स्टेशन पहुंची थी। पेरोल पर आये बृजेश को ट्रेन लेट होने के कारण स्टेशन पर ही कुछ देर तक रुकना पड़ा। इसके बाद बृजेश को भारी भरकम फोर्स के साथ जिले की पुलिस टीम अपने साथ लेकर धौरहरा के लिए रवाना हुई।

11 बजे पहुंचा गांव

पुलिस की तीन जीपें, दो सीओज, एसपी क्राइम, पीएसी और लोकल पुलिस के साथ बृजेश मंडे मार्निंग 11 बजे अपने गांव धौरहरा पहुंचा। यहां पहुंचने के बाद बृजेश सीधे अपने घर गया। यहां रिश्तेदारों से मिलने के बाद अपने कमरे में फ्रेश होने के बाद वह अपनी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह व बच्चों के साथ एक घंटे तक रहा। फिर कपड़े चेंज कर नीचे मौजूद लोगों से मिलने पहुंचा। इस दौरान बृजेश की सिक्योरिटी के लिए पूरे घर और गांव में भारी फोर्स तैनात की गई थी। गांव के दूसरे घरों की छतों पर भी पुलिस का पहरा था। इस दौरान बृजेश ने लगभग एक घंटे तक अपने कुछ करीबियों समेत बड़े भाई चुलबुल सिंह के साथ बैठकर बातचीत की। इस मुलाकात के बीच विधायक और बृजेश के भतीजे सुशील सिंह व सुजीत सिंह डॉक्टर भी मौजूद थे।

पहले पी कॉफी फिर खाया खाना

रोज रोज जेल का खाना खाकर परेशान हो चुके बृजेश सिंह ने सोमवार को मिली आजादी का भी फायदा उठाया। इस दौरान बृजेश ने अपने घर पर पहले कॉफी पी। फिर सतीश के घर पहुंच पूड़ी, सब्जी संग रायता पापड़ और चटनी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। बृजेश ने सतीश के घर पहुंचने के तुरत बाद आंगन में रखी उसकी फोटो को नमन किया। इसके बाद सतीश के पिता और अपने चाचा रामअवतार सिंह से मुलाकात की।

चिपक कर रो पड़ी चाची

बेटे के मर्डर से स्तब्ध सतीश की मां के आंसू बेटे की मौत के तेरह दिन बाद उस वक्त फिर निकल पड़े जब उन्होंने बृजेश को देखा। सतीश की मां धर्मराजी देवी ने भतीजे बृजेश को देखते ही दहाड़े मारकर रोना शुरू कर दिया। इससे पूरा माहौल गमगीन हो गया। चाची को रोता देख डॉन की आंखें भी नम हो गईं और उसने उन्हें गले लगाकर ढांढस बंधाया। इस दौरान सतीश का बड़ा बेटा अजय भी चाचा से मिला और बोला कि जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। इस पर बृजेश ने कोई जवाब तो नहीं दिया लेकिन अजय को शांत रहने को कहा।

तेरही में था बफे सिस्टम

वैसे तो नॉर्मली तेरही में होने वाला भोज ट्रेडिशनल वे में ही होता है और जमीन पर बैठाकर लोगों को भोजन कराया जाता है लेकिन डॉन के भाई की तेरही में भोजन का आयोजन बफे सिस्टम में था। टेबल पर खाने के हॉट केस लगे हुए थे। वहीं बृजेश के घर पर वेटर्स का भी अरेंजमेंट्स था जो वहां आने वालों की खातिरदारी में जुटे थे।

गांव में था सन्नाटा

तीन जुलाई को सतीश की हुई हत्या के तेरह दिन बाद भी धौरहरा गांव सदमे से उभर नहीं सका है। यहां सोमवार को भी सन्नाटा छाया हुआ था। गांव के लोग इस डर से सहमे हुए थे कि पुरानी रंजिश के चलते एक बार फिर गांव के लोग असुरक्षित हो गए हैं। कई साल बाद हुई हत्या से लोगों में इस बात का खौफ साफ झलक रहा था कि अगर बीकेडी गैंग ने फिर से बृजेश गैंग के किसी मेम्बर पर हमला किया तो धौरहरा का नाम फिर से बदनाम होगा और पुलिस बेमतलब गांव में डेरा डालेगी।

कई किमी तक लगी थीं लग्जरी गाडिय़ां

सतीश के तेरही कार्यक्रम में बृजेश सिंह के आने की खबर से ही सोमवार को सुबह से ही लोगों के धौरहरा पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। यही वजह थी कि बृजेश के घर से लेकर गांव में कई किमी तक सिर्फ लग्जरी गाडिय़ां ही दिख रही थीं। यहां पूरी सिक्योरिटी की कमान संभाले एसपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने भी गांव में पीएसी, क्यूआरटी और लोकल पुलिस के अलावा कई सीओज को लगा रखा था।

पहले निकला बृजेश फिर ट्रेन

सोमवार की सुबह धौरहरा पहुंचा बृजेश सिंह शाम चार बजे अपने घर से भारी सुरक्षा के बीच कैंट स्टेशन के लिए निकला। देर शाम बृजेश को शिवगंगा से वापस दिल्ली तिहाड़ जाना था। इस दौरान ट्रेन पकडऩे के लिए निकले बृजेश के आगे पीछे पुलिस टीम की पांच से ज्यादा गाडिय़ां लगी हुई थीं। बृजेश का काफिला जैसे ही आशापुर रेलवे फाटक पर पहुंचा और वहां से क्रॉस हुआ, पुलिस ने रेलवे फाटक बंद करा दिया। करीब दस सेकेंड बाद ही वहां से पैसेंजर ट्रेन पास हुई।

Active दिखी पुलिस

बृजेश के आने के चलते गैंगवार की संभावना बढ़ गई थी। इस वजह से पुलिस परेशान थी। वह बृजेश की सिक्योरिटी में कोई चूक नहीं करना चाहती थी। घर गांव और सतीश के घर पर किसी बाहरी को तब तक एंट्री नहीं दी गई जब तक बृजेश मौजूद रहा। दोपहर बाद बृजेश जब कैंट स्टेशन के लिए निकला तो पूरे रास्ते भर पुलिस काफी एक्टिव दिखी। इस दौरान आशापुर चौराहा, सारनाथ, पहडिय़ा, पाण्डेयपुर काली जी मंदिर, पुलिस लाइन तिराहा, गोलघर तिराहा समेत पूरे शहर में व्हीकल्स की जबरदस्त तलाशी ली जा रही थी।

डॉन दिखा गुस्से में

भाई की हत्या की नाराजगी और गुस्सा सोमवार को आये बृजेश के चेहरे पर साफ दिखा। सोमवार को सुबह कैंट पहुंचे बृजेश से जब रिपोटर्स ने बात करने की कोशिश की तो पहले तो पुलिस ने रोक दिया लेकिन बृजेश ने खुद पत्रकारों से कहा कि जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। अब आगे जो होगा देख लेंगे। इसके बाद धौरहरा में अनौपचारिक बातचीत के दौरान बृजेश ने कहा कि जब खलनायक पर हमला हुआ था उसी वक्त पुलिस अगर एक्टिव हुई होती तो शायद ये वारदात न होती लेकिन पुलिस सुस्त रही और सतीश की हत्या हो गई। बृजेश को कहना था कि पुलिस की ढिलाई से ही विरोधियों का मन बढ़ा हुआ है।