याची, पैरोकार व अधिवक्ता 27 मार्च को तलब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ब्रिटिश इंडिया कार्पोशन कानपुर की सीबीआई जांच में तेजी लाने व प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर बार-बार भिन्न लोगों द्वारा एक पैरोकार के जरिये याचिका दाखिल करने पर कड़ा रुख अपनाया है। याचिका खारिज के बाद दुबारा उसी मुद्दे पर याचिका दाखिल करने पर याची अधिवक्ता अरविंद यादव याची रामचंद्र चौधरी व पैरोकार सरदार इन्दर पाल सिंह को 27 मार्च को तलब किया है। कोर्ट ने याची की सदाशयता स्पष्ट करने के लिए दो हफ्ते में 5 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है।

जनहित याचिका पर कोर्ट सख्त

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने कानपुर के रामचंद्र चौधरी की जनहित याचिका पर दिया है। सीबीआई अधिवक्ता सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने कोर्ट को बताया कि इसी मुद्दे को लेकर इससे पहले भी तीन याचिकाएं दाखिल हुई हैं। जिन्हें वापस ले लिया गया। एक याचिका में लाभ न मिलने पर दूसरी याचिका दाखिल की गयी है और याचिका में इसका खुलासा नहीं किया गया है। याचिका पर बहस कर रहे अधिवक्ता एके त्रिपाठी ने सदाशयता के लिए 5 लाख रुपये जमा करने पर सहमति जतायी। इस पर कोर्ट ने मूल वकील, याची व पैरोकार को हाजिर होने का निर्देश दिया।