उन्होंने एक सांसद के बयान पर कड़ी आपत्ति की, जिनका कहना था कि वे माफ़िया डॉन की तरह काम करते हैं और हमेशा यही कहते हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं था कि उनके अधिकारी क्या कर रहे हैं।

इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए जेम्स मर्डोक ने कहा, "यह बिल्कुल ग़लत बात है, अगर मैं ईमानदारी से कहूँ तो यह बात मुझे बहुत बुरी लगी है." जेम्स मर्डोक को ब्रितानी सांसदों के सामने दोबारा पेश होना पड़ा है।

सासंदों का कहना है कि उन्होंने पिछली पेशी के दौरान ग़लत जानकारी दी थी। जेम्स मर्डोक का कहना है कि उनकी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं दी थी इसलिए ऐसा हुआ।

उन्होंने ब्रितानी सांसदों से कहा था कि उन्हें न्यूज़ कॉर्पोरेशन के अख़बार 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' में बड़े पैमाने पर चल रही टेलीफ़ोन हैकिंग के बारे में जानकारी नहीं थी।

जबकि ब्रितानी सांसदों का कहना है कि दो लोगों ने फ़ोन हैकिंग से जुड़े मामले में अदालत में मुकदमा किया था जिन्हें मोटी रकम देकर मुकदमा बंद कराया गया, इन लोगों को दी गई रकम को जेम्स मर्डोक ने मंज़ूरी दी थी फिर उन्हें कैसे पता नहीं था कि कंपनी में क्या चल रहा है।

पुराना विवाद

ब्रितानी संसद की मीडिया मामलों की विशेष समिति इस मामले की गहन पड़ताल कर रही है जबकि पुलिस आपराधिक पहलुओं की जाँच कर रही है। फ़ोन हैकिंग विवाद की वजह से 168 वर्ष पुराना अख़बार न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड हो गया और कंपनी की सीईओ रेबेका ब्रुक्स को पद छोड़ना पड़ा।

सांसदों का कहना है कि जेम्स मर्डोक अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में बीसियों लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, लंदन के पुलिस कमिश्नर और आतंकवाद निरोधक शाखा के प्रमुख को न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड से सांठगांठ के आरोप में इस्तीफ़ा देना पड़ा, प्रेस, पुलिस और राजनीतिक नेताओं के आपसी रिश्तों पर ज़ोरदार बहस छिड़ी।

यहाँ तक कि ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को अपने मीडिया सलाहकार को पद से हटाना पड़ा क्योंकि एंडी कॉलसन प्रधानमंत्री के सलाहकार बनने से पहले न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड के संपादक थे।

सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक दूसरे पर रूपर्ट मर्डोक की कंपनियों की ग़ैर कानूनी गतिविधियों को अपने फ़ायदे के लिए नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया।

अब प्रेस, पुलिस और नेताओं के आपसी रिश्तों के नियमन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो अगले वर्ष अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

इस घटना से रूपर्ट मर्डोक की कंपनी की अंतरराष्ट्रीय साख को धक्का लगा है और सेटेलाइट चैनल चलाने वाली ब्रितानी कंपनी बीस्काई बी के करोड़ों पाउंड के अधिग्रहण की उसकी योजना पर पानी फिर गया है।

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