- गति परीक्षण में ओके मिलने पर ट्रेनों का होगा संचालन

BAREILLY:

मझौला पकडि़या-टनकपुर रेल खंड के अंतर्गत मझौला पकडि़या-बनबसा रेल खंड का निरीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त एसके पांडेय 29 दिसम्बर को करेंगे। मीटरगेज से ब्रॉडगेज बने इस लाइन का निरीक्षण सुबह 9.15 से शाम 5 बजे तक मोटर ट्रॉली से करेंगे। वहीं 30 दिसम्बर को वनबसा -टनकपुर के बीच दोपहर 3 से शाम 4 बजे तक और टनकपुर से मझौला पकडि़या तक गति परीक्षण भी किया जाएगा। सीआरएस निरीक्षण में यदि सब ओके मिला तो ट्रेनों के संचालन को हरी झंडी दे दी जाएगी।

जून 2016 में शुरू हुआ काम

निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त एसके पांडेय के अलावा एनईआर मुख्यालय गोरखपुर से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण ललित मोहन झा, मुख्य इंजीनियर एके सिंह, मुख्य सिगनल इंजीनियर बेचू राय, सीईएसई एसएन साह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। विदित हो कि मझोला पकडि़या-टनकपुर रेल खंड की लम्बाई 37.10 किमी है। नई लाइन बिछाए जाने का कार्य जून 2016 में शुरू किया गया था। इस नई लाइन पर 5 बडे़ पुल, 36 छोटे पुल एवं 28 क्रॉसिंग हैं।

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सूझबूझ से रोका रेल हादसा

एनईआर के मथुरा छावनी के अधीन कार्यरत ट्रैक मेंटेनर गजेंद्र सिंह को रेलवे ने थर्सडे को 1000 रुपए देकर प्रोत्साहित किया। गजेंद्र ने 8 दिसम्बर को अपनी सूझबूझ से मुरसान-सोनई स्टेशन के बीच पेट्रोलिंग के दौरान रेल ट्रैक में फ्रैक्चर देखने के बाद रेल हादसा होने से रोका था। उन्होंने तुरंत जॉगल प्लेट बांधकर ट्रैक की अस्थाई मरम्मत कर ट्रेनों को संचालन सुनिश्चित किया था। थर्सडे को वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय आशुतोष कुमार मिश्र ने 1000 रुपए नकद एवं प्रशस्ति पत्र देकर गजेंद्र को सम्मानित किया।

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ट्रेनें लेट, यात्री रहे परेशान

ट्रेनों के लेट होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। थर्सडे को सुबह 6 बजे भुज को जाने वाली आला-हजरत एक्सप्रेस रात 8 बजे बरेली जंक्शन से रवाना की गई। जिसकी वजह से यात्रियों में काफी रोष व्याप्त रहा। वहीं अवध-आसाम, डिब्रुगढ़ एक्सप्रेस, सियालदह एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनें 5 से 10 घंटे लेट रहीं।