-सरकारी कोशिशों पर दलाल पड़ रहे भारी

-आये दिन दलाल के चंगुल में फंसकर ठगे जा रहे मरीज

-अस्पताल प्रशासन और शासन की साख पर दलाल लगा रहे बट्टा

GORAKHPUR:

एक रुपये में इलाज मुहैया कराने की सरकारी कोशिशों पर दलाल भारी पड़ रहे हैं। मुमकिन है कि अस्पताल परिसर में आपके मोबाइल का नेटवर्क धोखा दे जाए लेकिन दलालों के नेटवर्क से आप शायद ही बच पाएं। इसमें फंसकर रोजाना कई मरीज ठगे जा रहे हैं। अस्पताल में लैब होने के बावजूद ये दलाल मरीजों को निजी लैब में ले जाकर उनका आर्थिक दोहन करते हैं। निजी लैब से जुड़े दलालों का अस्पताल के स्टाफ और ऊपर के लोगों से भी जबरदस्त साठगांठ है। इनकी पहुंच और हनक ओपीडी से लेकर वार्डो तक दिखती है। इसमें न सिर्फ मरीजों की जेब ढ़ीली हो रही है बल्कि अस्पताल प्रशासन और शासन की साख पर बट्टा भी लग रहा है। ऐसे में दलालों के संक्रमण से बीमार महिला अस्पताल को कड़वी दवा की दरकार है।

जिला महिला अस्पताल में दलालों का राज इस कदर है कि यहां के डॉक्टर ज्यादातर बाहर के सेन्टर से जांच कराने की सलाह देते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम बुधवार को हकीकत जानने के लिए जिला महिला अस्पताल पहुंची। यहां जो देखा वह हैरान करने वाला है। ओपीडी में डॉक्टर मरीज को देखने के बाद उन्हें बाहर के सेंटर पर जांच के लिए भेज रहे हैं। आलम यह है कि दलाल खुलेआम अस्पताल में घूम रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन जानकर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।

गंभीर केस पर रहती है दलालों की नजर

जिला महिला अस्पताल में गंभीर केस पर दलालों की नजर टीकी रहती है। वह सुबह से देर रात तक इसी ताक में रहते हैं। जैसे ही डॉक्टर मरीज को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर करता है। वैसे ही दलाल सक्रिय हो जाते हैं। अस्पताल के मेन गेट पर ही परिजनों से बात कर कम पैसे में बेहतर इलाज का भरोसा दिलाकर निजी अस्पताल में भेज देते हैं।

कमिशन के चक्कर में भेजते हैं बाहर मरीज

नाम न छापने की शर्त पर अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि कमिशन के चक्कर में अस्पताल के कर्मचारी मरीज को अपने भरोसे में लेकर उन्हें अपने चहेते जांच सेंटर पर जाने की सलाह देते हैं। इसके लिए उन्हें दलाल अच्छी खासी रकम देते हैं।

केस-1-गोरखनाथ की रहने वाली ममता को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। परिजनों ने उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसकी हालत गंभीर होने लगी। हालत गंभीर देखकर डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया। जैसे ही वह बाहर पहुंचे। इस दौरान एक दलाल परिजनों से टकराया। उसने मरीज के परिजनों को अपने झांसे मे लेकर बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया और एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेज दिया। इलाज के दौरान डॉक्टर ने परिजनों से बताया कि महिला के पेट में बच्चा मर गया है। इतनी बात सुनकर परिजन भड़क गए और इलाज में खर्च हुए पैसे को वापस मांगने लगे।

केस-2- बासगांव की रहने वाली सीमा अपनी जांच कराने के लिए लैब पहुंची। अभी वह लैब तक पहुंचती कि इसी बीच एक व्यक्ति उससे मिला और बाहर की जांच कराने के लिए कहा। महिला उसके झांसे में आ गई। महिला से दलाल ने ब्लड सैंपल लेने के बाद दो घंटे बाद रिपोर्ट देने की बात की।

दलालों को चिन्हित कर उनकी धरपकड़ की जाएगी। ओपीडी के अलावा प्रवेश द्वार पर भी सीसी टीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। संदिग्ध व्यक्तियों पर खास कर नजर रखी जा रही है।

डॉ। डीके सोनकर, एसआईसी जिला महिला अस्पताल